शिव शिष्य हरीन्द्रानन्द फाउंडेशन के द्वारा शिव गुरू संगोष्ठी का हुआ आयोजन,मुख्य वक्ता दीदी बरखा आनन्द ने कहा : शिव केवल नाम के नहीं अपितु काम के गुरू हैं
शिव शिष्य हरीन्द्रानन्द फाउंडेशन के द्वारा राजगीर इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर में शिव गुरू संगोष्ठी आयोजित किया गया।जिसमें नालंदा, नवादा और सेखपुरा सहित अन्य जिलों के लगभग एक हजार से अधिक लोग शामिल हुए।इस अवसर पर पूरे परंपरागत तरीके से भगवान शिव की पूजा अर्चना भी की गई। कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में मुख्य वक्ता दीदी बरखा आनन्द ने कहा कि शिव केवल नाम के नहीं अपितु काम के गुरू हैं।शिव के औढरदानी स्वरूप से धन,धान्य, संतान, सम्पदा आदि प्राप्त करने का व्यापक प्रचलन है तो उनके गुरू स्वरूप से ज्ञान भी क्यों नहीं प्राप्त किया जाय। उन्होंने कहा कि किसी संपत्ति या संपदा का उपयोग ज्ञान के अभाव में घातक हो सकता है।शिव जगतगुरू हैं।अतएव जगत का एक-एक व्यक्ति चाहे वह किसी धर्म,जाति, संप्रदाय,लिंग का हो शिव को अपना गुरू बना सकता है।
शिव का शिष्य होने के लिए किसी पारम्परिक औपचारिकता अथवा दीक्षा की आवश्यकता नहीं है।केवल यह विचार कि शिव मेरे गुरू हैं।शिव की शिष्यता की स्वमेव शुरूआत करता है।इसी विचार का स्थायी होना हमको आपको शिव का शिष्य बनाता है। इस अवसर पर भैया अर्चित आनन्द ने कहा कि यह अवधारणा पूर्णतःआध्यात्मिक है, जो भगवान शिव के गुरु स्वरूप से एक एक व्यक्ति के जुड़ाव से संबंधित है।उन्होंने कहा कि शिव के शिष्य एवं शिष्याएँ अपने सभी आयोजन शिव गुरू हैं।और संसार का एक-एक व्यक्ति उनका शिष्य हो सकता है।इसी प्रयोजन से करते हैं। शिव गुरू हैं।यह कथ्य बहुत पुराना है।भारत भूखंड के अधिकांश लोग इस बात को जानते हैं।कि भगवान शिव गुरू हैं,आदिगुरू इस अवसर सुरेश प्रसाद सिंह, सुधीर कुमार ,नवीन कुमार, कमलेश सिंह,शिवकुमार विश्वकर्मा, सोमेंद्र कुमार झा, प्रेमिका देवी, गौतम कुमार सहित अन्य लोग उपस्थित थे।
शिव शिष्य हरीन्द्रानन्द फाउंडेशन के द्वारा शिव गुरू संगोष्ठी का हुआ आयोजन,मुख्य वक्ता दीदी बरखा आनन्द ने कहा : शिव केवल नाम के नहीं अपितु काम के गुरू हैं
Reviewed by News Bihar Tak
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May 06, 2023
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