प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नालंदा विश्वविद्यालय परिसर का किया उद्घाटन- प्रधानमंत्री ने कहा:मेरा मिशन -दुनिया की शिक्षा का केंद्र बने भारत
वायु सेना के विशेष हेलीकाप्टर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नालंदा यूनिवर्सिटी पहुंचे।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नालंदा यूनिवर्सिटी की नई बिल्डिंग का उद्धाटन किया।मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नालंदा विश्वविद्यालय परिसर में पौधारोपण किया।इस अवसर पर कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि नालंदा आना मेरे लिए सौभाग्य की बात है।
नई सरकार के कार्यकाल शुरू होने के 10 दिन के भीतर नालंदा आने का सौभाग्य मिला। उन्होंने कहा कि आग की लपटों में पुस्तकें भले जल जाएं, आग की लपटें ज्ञान को नहीं मिटा सकती। नालंदा आना मेरा सौभाग्य है। नालंदा एक पहचान है।सम्मान है। बेहतर भविष्य की नींव रखना जानते हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि यह नया कैंपस, विश्व को भारत के सामर्थ्य का परिचय देगा। नालंदा बताएगा जो राष्ट्र, मजबूत मानवीय मूल्यों पर खड़े होते हैं वो राष्ट्र इतिहास को पुनर्जीवित कर बेहतर भविष्य की नींव रखना जानते हैं।
बता दे 815 साल बाद नालंदा एक बार पूरे दुनिया में इतिहास रचने जा रहा है। उन्होंने कहा कि नालंदा केवल भारत के ही अतीत का पुनर्जागरण नहीं है, इसमें विश्व और एशिया के कितने ही देशों की विरासत जुड़ी हुई है। पीएम मोदी ने नालंदा विश्वविद्यालय के पुनर्निर्माण की भागीदारी में भारत के मित्र देशों का अभिनंदन किया। पीएम मोदी ने कहा नालंदा केवल एक नाम नहीं है। नालंदा एक पहचान है, एक सम्मान है। नालंदा एक मूल्य है, मंत्र है, गौरव है, गाथा है।प्रधानमंत्री ने आशा जताई कि नालंदा विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों के लिए आने वाले दिन महत्वपूर्ण हैं। उन्होंने छात्रों से अपील करते हुए कहा कि आप अपने ज्ञान को समाज को एक सकारात्मक बदलाव के लिए प्रयोग करिए। अपने ज्ञान से बेहतर भविष्य का निर्माण कीजिए। नालंदा का गौरव भारत का गौरव है।
आपके ज्ञान से पूरी मानवता को नई दिशा मिलेगी। उन्होंने कहा, मुझे विश्वास है कि हमारे युवा आने वाले समय में पूरे विश्व को नेतृत्व देंगे। भारत की पहचान फिर से दुनिया के ज्ञान के केंद्र के रूप में हो। प्रधानमंत्री ने कहा कि नालंदा का अर्थ है कि जहां शिक्षा और ज्ञान के दाह का अविरल प्रवाह हो। शिक्षा सीमाओं से परे है। नफा-नुकसान के नजरियों से भी परे है। शिक्षा ही हमें गढ़ती है। उसे विचार और आकार देती है। नालंदा में बच्चों का नामांकन उनकी पहचान और उनकी राष्ट्रीयता को देखकर नहीं होता था। उन्होंने कहा कि बिहार के लोग गौरव को वापस लाने के लिए जिस तरह विकास की राह पर आगे बढ़ रहे हैं, नालंदा एक प्रेरणा है।
नालंदा एक पहचान था और जीवन केंद्र हुआ करता था। उन्होंने कहा कि भारत बने दुनिया के लिए शिक्षा अभियान का केंद्र पीएम मोदी ने कहा कि मेरा मिशन है कि भारत दुनिया के लिए शिक्षा अभियान का केंद्र बने। भारत की पहचान फिर से दुनिया के ज्ञान के केंद्र के रूप में हो। प्रधानमंत्री ने कहा कि आज हायर एजुकेशन के लिए भारत में ही सर्वश्रेष्ठ शिक्षण संस्थान खुल रहे हैं। अब भारत के शिक्षण संस्थान ग्लोबल हो रहे। नालंदा विवि को भी दुनिया के हर इलाके में जाना है। दुनिया बुद्ध के इस देश के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलना चाह रही है। नालंदा की यह धरती विश्व बंधुत्व की भावना को नया आयाम दे सकती है।
आने वाले 25 साल भारत के युवाओं के लिए महत्वपूर्ण है। नालंदा विवि के विद्यार्थिंयो के लिए आने वाले दिन महत्वपूर्ण हैं। आप अपने ज्ञान को समाज को एक सकारात्मक बदलाव के लिए प्रयोग करिए। अपने ज्ञान से बेहतर भविष्य का निर्माण कीजिए। नालंदा का गौरव भारत का गौरव है। आपके ज्ञान से पूरी मानवता नई दिशा मिलेगी। मुझे विश्वास है कि हमारे युवा आने वाले समय में पूरे विश्व को नेतृत्व देंगे। उन्होंने कहा कि भारत की पहचान फिर से दुनिया के ज्ञान के केंद्र के रूप में हो आप देखिए दो दिन बाद ही 21 जून को विश्व योग दिवस है। आज भारत में योग की सैकड़ों विधाए मौजूद हैं। हमारे ऋषियों इतना गहन शोध किया आज पूरा विश्व योग को मना रहा है। आज आयुर्वेद को स्वस्थ जीवन के रूप में देखा जा रहा है। हम प्रगति और पर्यावरण को एकसाथ लेकर चले। भारत ने विश्व को मिशन लाइफ जैसा विजन दिया। उन्होंने कहा मेरा मिशन है कि भारत दुनिया के लिए शिक्षा अभियान का केंद्र बने। भारत की पहचान फिर से दुनिया के ज्ञान के केंद्र के रूप में हो।
उन्होंने कहा कि शिक्षा सीमाओं से परे है। नफा-नुकसान के नजरियों से भी परे है। शिक्षा ही हमें गढ़ती है। उसे विचार और आकार देती है। नालंदा में बच्चों का एडमिशन उनकी पहचान और उनकी राष्ट्रीयता को देखकर नहीं होता था। नालंदा में 20 से ज्यादा देशों लोग पढ़ते थे। नालंदा विवि आसियान इंडिया विश्वविद्यालय की दिशा में भी काम कर रही है। 21वीं सदी को एशिया की सदी कहा जा रहा है। हमारा साझा प्रयास दुनिया की नई प्रगति को दिशा देगी। उन्होंने कहा कि आज विदेशों में हमारे प्रीमियर इंस्टीट्यूट्स के कैम्पस खुल रहे हैं। इसी साल अबू धाबी में आई आई टी दिल्ली का कैंपस खुला है। तंजानिया में भी आईं आई टी मद्रास का कैंपस शुरू हो चुका है। और ग्लोबल होते भारतीय शिक्षा संस्थानों की तो ये शुरुआत है। अभी तो नालंदा यूनिवर्सिटी जैसे संस्थानों को भी दुनिया के कोने-कोने में जाना है।और आज पूरी दुनिया की दृष्टि भारत पर है, भारत के युवाओं पर है। दुनिया, बुद्ध के इस देश के साथ, मदर ऑफ डेमोक्रेसी के साथ, कंधे से कंधा मिलाकर चलना चाहिए।इस अवसर पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने संबोधित करते हुए कहा कि आप आए तो बहुत अच्छा हुआ।
सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि प्रधानमंत्री जी को भी अच्छा लग रहा होगा यहां आने से। यह बहुत पौराणिक जगह है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री पहली बार राजगीर आए हैं। मैं उनका और बाकी सभी मेहमानों का दिल से स्वागत करता हूं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने कार्यक्रम से पहले पुराने नालंदा विश्वविद्यालय के खंडहर भी देखे। प्रधानमंत्री जी, आपने देखा होगा कि पुराना नालंदा विश्वविद्यालय कितना बड़ा था। इस विश्वविद्यालय से 20-25 किलोमीटर दूर तक के गांव जुड़े हुए थे। उन्होंने कहा कि अभी तक बहुत कम खुदाई हुई है।
उन्होंने कहा कि नालंदा विश्वविद्यालय को नष्ट कर दिया गया था। उन्होंने कहा 'तत्कालीन राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम ने 2006 में नालंदा विश्वविद्यालय को फिर से बनाने की बात कही थी। उन्होंने कहा कलाम साहब ने यह बात बिहार विधानमंडल में कही थी। तब से नालंदा अंतरराष्ट्रीय विश्वविद्यालय बनाने का काम शुरू हुआ। उन्होंने कहा कि उस समय केंद्र में कांग्रेस की सरकार थी। हमने उनसे मदद मांगी, लेकिन उन्होंने हमारी बात नहीं सुनी' तब बिहार सरकार ने खुद ही 455 एकड़ जमीन ली।और उसके बाद आप आएं तों मदद मिली। उन्होंने कहा कि राजगीर दुनिया के पांच धर्मों का संगम स्थल है।
सिख धर्म के गुरु नानकदेव भी यहां आए थे। मुस्लिम धर्म के महान संत मखदूम साहब को राजगीर में ही ज्ञान प्राप्त हुआ। हिन्दू धर्म का मलमाल मेला का आयोजन हर तीसरे वर्ष किया जाता है। मान्यता है कि उस वक्त 33 करोड़ देवी-देवता यहीं रहते हैं। यहां गर्म पानी का कुंड है। लाखों लोग यहां नहाने आते हैं। मैं तो बचपन से यहां आता रहा हूं।पीएम मोदी से उन्होंने कहा कि आप आ गए हैं तो बहुत अच्छा हुआ। आपको बहुत अच्छा लगेगा। करोड़ों वर्ष पुराने पहाड़ और जंगल है। इनमें जड़ी-बूटियों का भंडर है। एक से एक दवा यहां से निकलती है।
इतना ज्यादा राजगीर का महत्व है। बड़े पैमाने पर ईको टूरिज्म का विकास किया गया है।इस अवसर पर यूनिवर्सिटी के चांसलर अरविंद पनगढ़िया ने स्वागत भाषण। उन्होंने यूनिवर्सिटी के बारे में विस्तार से अपनी बातों को प्रधानमंत्री के समझ रखा।इस अवसर पर राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, विदेश मंत्री जयशंकर,केंद्रीय विदेश राज्य मंत्री पबित्रा मार्गेरिटा ,उप मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी,उप मुख्यमंत्री विजय सिन्हा, जिला प्रभारी मंत्री विजय चौधरी, ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार, सांसद कौशलेंद्र कुमार, कुलपति प्रोफेसर अभय कुमार सिंह सहित 17 देश के राजदूत शामिल हुए।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नालंदा विश्वविद्यालय परिसर का किया उद्घाटन- प्रधानमंत्री ने कहा:मेरा मिशन -दुनिया की शिक्षा का केंद्र बने भारत
Reviewed by News Bihar Tak
on
June 20, 2024
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