राजगीर इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर में जिला स्तरीय शिव गुरु संगोष्ठी का आयोजन किया गया,अनुनिता आनन्द ने कहा:ज्ञान से संजात,एक सामान्य भावाचरण भी जगत के लिए अनुकरणीय प्रमाणित होता है
राजगीर इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर में जिला स्तरीय शिव गुरु संगोष्ठी का आयोजन किया गया,जिसमें काफी संख्या में महिला और पुरुष श्रद्धालु शामिल हुए,इस अवसर पर इस अवसर पर शिव गुरु संगोष्ठी के प्रमुख अनुनिता आनन्द ने कहा भगवान शिव साधुता की पहली और पहचान है, एवं उनकी प्रकाष्ठा है,शिव के शिष्य मनसा वाचा कर्मणा देश और समाज के लिए सच्ची साधुता का प्रतीक बने,
उन्होंने कहा कि भारतीय अध्यात्म में सिंहावलोकन से स्पष्ट होता है,की महेश्वर शिव चिरकाल से आदि गुरु एवं गुरु पद पर अवस्थित है,ग्रंथों में शिव के शिष्यों प्रशिष्यो का नामोल्लेख मिलता है,उन्होंने कहा कि पुरातन काल से शिव को रूद्र, पशुपति, ईश्वर, मृत्युंजय, देवाधिदेव, महाकाल,महेश्वर,जगतगुरु आदि उपाधियों से विभूषित किया गया है,उन्होंने कहा कि ज्ञान से संजात, एक सामान्य भावाचरण भी जगत के लिए अनुकरणीय प्रमाणित होता है,और यथा साकार शिव परिवार में शिव अभिज्ञान की एक अभिव्यक्ति का चित्रण दृष्ट्या है,चित्रित साकार शिव परिवार में जन्मजात प्रतिकूल प्रवृत्ति वाले पशु-पक्षी भी सहज प्रेम से है,
उन्होंने कहा कि मानव सृष्टि के अभ्युदय हेतु जगतगुरु महेश्वर सिव की जन जन के लिए गुरु स्वरुप में उपलब्ध ही एकमात्र अपरिहार्य विकल्प है,मौके पर भजन कीर्तन का भी आयोजन किया गया,जिसमें भगवान शिव के ऊपर कई भजनों की प्रस्तुति हुई,इस अवसर पर शिवम कुमार, नवीन कुमार ,सुरेश प्रसाद, मनीष कुमार ,पूजा कुमारी, रिंकू कुमारी, संजय कुमार, सहित अन्य लोग उपस्थित थे
राजगीर इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर में जिला स्तरीय शिव गुरु संगोष्ठी का आयोजन किया गया,अनुनिता आनन्द ने कहा:ज्ञान से संजात,एक सामान्य भावाचरण भी जगत के लिए अनुकरणीय प्रमाणित होता है
Reviewed by News Bihar Tak
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December 05, 2022
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