मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के दिशा निर्देश के बाद अब राजगीर में स्थित जय प्रकाश उद्यान पार्क में ही जरासंध स्मारक का निर्माण कार्य हुआ शुरू
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के दिशा निर्देश के बाद अब पर्यटन स्थल राजगीर में स्थित जय प्रकाश उद्यान पार्क परिसर में ही जरासंध स्मारक का निर्माण कार्य शुरू कर दिया गया है।जरासंध स्मारक में मगध सम्राट जरासंध की बड़ी प्रतिमा स्थापित की जाएगी और प्रतिमा का भी निर्माण कार्य तेजी किया जा रहा है।पहली बार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के दिशा निर्देश के बाद ही कला संस्कृति एवं युवा विभाग के द्वारा एक दिवसीय जरासंध महोत्सव का भी आयोजन कराया गया थ।
जिसमें स्वयं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार उद्घाटन करने के लिए पहुंचे थे।नए वर्ष में जरासंध स्मारक पूरी तरह से बनकर तैयार हो जाएगा और इसका निर्माण कार्य वन विभाग के द्वारा किया जा रहा है।जरासंध स्मारक बन जाने के बाद पर्यटकों के लिए एक और नया आयाम राजगीर में जुड़ जाएगा। राजगीर के पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के द्वारा लगातार पहल की जा रही है।मौजूदा समय में जरासंध अखाड़ा जो है वह पुरातत्व विभाग के अधीन में है।जिसका मेंटेनेंस पुरातत्व विभाग के द्वारा ठीक तरह से नहीं किया जाता है जिसके कारण भी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पुरातत्व विभाग के अधिकारियों के उपर काफी नाराज़गी जताई थी।और बह स्वयं जरासंध अखाड़ा का भी निरीक्षण किए थे।
और उसके बाद ही मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा था कि स्वयं राज्य सरकार के द्वारा जरासंध स्मारक का निर्माण कार्य कराया जाएगा।ताकि यहां आने वाले पर्यटक जरासंध मगध सम्राट जरासंध से जुड़े इतिहासों को जान सकेंगे।मिली जानकारी के अनुसार मगध सम्राट जरासंध के आदमकद प्रतिमा के साथ-साथ कैफेटेरिया और आर्ट गैलरी का भी निर्माण कार्य कराया जाएगा।जिसमें मगध सम्राट जरासंध की जीवनी की प्रदर्शनी लगाई जाएगी।ताकि यहां आने वाले पर्यटक इनसे जुड़े पूरे इतिहास की जानकारी हासिल कर सके।स्मारक स्थल पर ब्लैक ग्रेनाइट मार्बल की आधारशिला पर मगध सम्राट जरासंध की प्रतिमा स्थापित होगी।इस चार हेक्टर में बनने वाले इस जरासंध स्मारक को आधुनिक ढंग से निर्माण कराया जाएगा। बताते हुए चले कि महाभारत काल के सबसे शक्तिशाली राज्य मगथ का सम्राट था जरासंध। वह बृहद्रथ नाम के राजा का पुत्र था।उसके पास सबसे विशाल सेना थी। वह अत्यंत ही क्रूर और अत्याचारी था। हरिवंशपुराण के अनुसार उसने काशी, कोशल, चेदि, मालवा, विदेह, अंग, वंग, कलिंग, पांडय, सौबिर, मद्र, कश्मीर और गांधार के राजाओं को परास्त कर सभी को अपने अधीन बना लिया था।
कहते हैं कि जरासंध ने अपने पराक्रम से 86 राजाओं को बंदी बना लिया था। बंदी राजाओं को उसने पहाड़ी किले में कैद कर लिया था। यह भी कहा जाता है कि जरासंध 100 राजाओं को बंदी बनाकर किसी विशेष दिन उनकी बलि देना चाहता था जिससे कि वह चक्रवर्ती सम्राट बन सके। ऐसे कई कारण है जिसके चलते जरासंध की पुराणों में बहुत चर्चा होती है। वहीं जरासंध की खासियत यह थी कि वह युद्ध में मरता नहीं था। उसे अक्सर मल्ल युद्ध या द्वंद्व युद्ध लड़ने का शौक था और उसके राज्य में कई अखाड़े थे। वह श्रीकृष्ण का कट्टर शत्रु भी था। श्रीकृष्ण ने जरासंध का वध करने की योजना बनाई। योजना के अनुसार भगवान श्रीकृष्ण, भीम और अर्जुन ब्राह्मण के वेष में जरासंध के पास पहुंच गए और उसे कुश्ती के लिए ललकारा। लेकिन जरासंध समझ गया कि ये ब्राह्मण नहीं हैं। तब श्रीकृष्ण ने अपना वास्तविक परिचय दिया। कुछ सोचकर अंत में जरासंध ने भीम से कुश्ती लड़ने का निश्चय किया।अखाड़े में राजा जरासंध और भीम का युद्ध कार्तिक कृष्ण प्रतिपदा से 13 दिन तक लगातार चलता रहा।
इन दिनों में भीम ने जरासंध को जंघा से उखाड़कर कई बार दो टुकड़े कर दिए लेकिन वे टुकड़े हर बार जुड़कर फिर से जीवित हो जाते और जरासंध फिर से युद्ध करने लगा। भीम लगभग थक ही गया था। 14 वें दिन श्रीकृष्ण ने एक तिनके को बीच में से तोड़कर उसके दोनों भाग को विपरीत दिशा में फेंक दिया। भीम, श्रीकृष्ण का यह इशारा समझ गए और उन्होंने वहीं किया। उन्होंने जरासंध को दोफाड़ कर उसके एक फाड़ को दूसरे फाड़ की ओर तथा दूसरे फाड़ को पहले फाड़ की दिशा में फेंक दिया। इस तरह जरासंध का अंत हो गया, क्योंकि विपरित दिशा में फेंके जाने से दोनों टुकड़े जुड़ नहीं पाए।आज इसी जरासंध अखाड़ा को देखने के लिए देश विदेश के पर्यटक काफी संख्या में पहुंचते हैं।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के दिशा निर्देश के बाद अब राजगीर में स्थित जय प्रकाश उद्यान पार्क में ही जरासंध स्मारक का निर्माण कार्य हुआ शुरू
Reviewed by News Bihar Tak
on
December 31, 2023
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