राजगीर पहुंचे तिब्बत प्रवासी सरकार के प्रधानमंत्री पेन्पा सेरिंग ने कहा: तिब्बत पर चीन का है कब्जा लेकिन आजादी के लिए नहीं मिल रही है किसी देश की मदद


भारत और तिब्बत मैत्री संबंध के दो दिवसीय नौवें राष्ट्रीय सम्मेलन राजगीर के कन्वेंशन हॉल में आयोजित किया गया है,और सम्मेलन में तिब्बत प्रवासी सरकार के प्रधानमंत्री पेन्पा सेरिंग शामिल हुए हैं,इस मौके पर बिहार सरकार के ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार ने प्रधानमंत्री पेन्पा सेरिंग को स्वागत किया,इस अवसर पर प्रधानमंत्री पेन्पा सेरिंग कहा की भारत तिब्बत मैत्री संबंध के नौवें राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन किया गया है,यह काफी खुशी की बात है,उन्होंने कहा कि इस सम्मेलन से दुनियाभर  में एक अच्छा संदेश जाएगा, उन्होंने कहा कि भारत और तिब्बत के बीच बहुत बहुत मजबूत रिश्ता है,और हम लोगों को भारत की सरकार और भारत के लोग काफी मदद करती है,

उन्होंने कहा कि तिब्बत को चीन ने कब्जा कर रखा है,लेकिन तिब्बत को आजादी दिलाने के लिए दुनिया का कोई देश हमें मदद नहीं कर रहा है, जिसके कारण तिब्बतियों को काफी परेशानी हो रही है, तिब्बत को आजाद कराने के लिए हम लोग बरसो से लड़ाई लड़ रहे हैं,प्रधानमंत्री ने कहा चीन का मकसद सही नहीं है,उन्होंने कहा कि भारत की जो बॉर्डर सीमाएं उस पर भी चीन की निगाहें टिकी हुई है,आज भारत भी अपने पड़ोसी देशों से आंतकवाद और नक्सलवाद से ग्रसित है,प्रधानमंत्री ने कहा कि हिमालय से सटे बॉर्डर के पास चीन आज सड़क काफी तेजी गति से बना रहा है,उसकी निगाहें आज कई देशों पर है,13 वे दलाई लामा 1910 भारत आए थे,और कुछ बरस रहने के बाद वह तिब्बत वापस लौट गए थे,लेकिन 14 वे दलाई लामा अभी तक भारत में ही है,प्रधानमंत्री ने कहा कि मैं भी एक गरीब परिवार से हूं,और काफी संघर्ष कर यहां तक पहुंचा, चीन के राष्ट्रपति कुछ खुलकर बोलते नहीं हैं अपनी खामियों को छुपाते हैं,

कोविड-19 से लगभग दुनिया आजाद हुआ है लेकिन चीन आज भी उससे ग्रसित है,लद्दाख बॉर्डर के पास मार्केट खुलते थे लेकिन आज वह बंद है,बॉर्डर की स्थिति काफी गंभीर हुई है,चीन और तिब्बत का जो बॉर्डर है वहां गांव चीन के द्वारा बताया जा रहा है,चीन धीरे-धीरे अपना पांव को पसार रहा है,ऐसे में उसे रोकना बहुत जरूरी है,बोधगया में दिसंबर दलाई लामा जी आ रहें हैं,उन्होंने कहा है किवह भारत को छोड़कर कहीं विदेशों में अभी नहीं जाएंगे, प्रधानमंत्री ने कहा तिब्बत और चीन के बीच 2010 तक वार्तालाप हुआ था उसके बाद अभी तक नहीं हुआ है, प्रधानमंत्री ने कहा वार्तालाप अच्छा होगा तभी हम प्रयास करेंगे,तिब्बत की आजादी के लिए संघर्ष काफी जारी, प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत सहित 20 देशों में तिब्बत के लोग काफी संख्या में रहते हैं,हम सभी को जोड़ने का प्रयास करें हैं,खासकर जो हमारा युवा वर्ग है, उसे एक जगह लाने का प्रयास किया जा रहा है,

उन्होंने कहा कि हम जिन देशों में जाते हैं उन देशों में तिब्बत के युवाओं से विशेष रूप से बातचीत करते हैं,यूएस के तरफ से भी कुछ राजनीति स्तर पर मदद मिल रही है, प्रधानमंत्री ने कहा कि चीन से कोई पंगा नहीं लेना चाहता है,उन्होंने कहा कि चीन से बिना बात किए नहीं समझ पाएगा समस्या,आज हम दूसरे देशों के पास मदद के लिए जाग रहे,यूरोप के लोग बोलते हैं आप सही वक्त पर आए हैं,प्रधानमंत्री ने कहा कि चीन में काफी संख्या में लोग बौद्ध धर्म को मानते हैं,भारत के बाद तिब्बत से ही सबसे ज्यादा बौद्ध धर्म दूसरे देशों में फैला है, प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत के अधिकांश राज्यों में तिब्बत के लोग हैं पर सबसे ज्यादा कर्नाटक राज्य में 35 हजार तिब्बत के लोग रहते हैं,वही बाहर के देशों में इसकी संख्या लाखों से भी अधिक है, प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत से सटे जो भी बॉर्डर है उस पर भारत को विशेष रुप से ध्यान देने की जरूरत है,

आज बॉर्डर पर चीन की निगाहें टिकी हुई है,इस अवसर पर का स्कॉलर विजय क्रांति ने भारत और तिब्बत के प्रतिनिधियों के बीच संबोधित करते हुए कहा चीन कहता है की तिब्बत उसका हिस्सा है,एक बार वह एक स्वतंत्र राष्ट्र था, तिब्बत के कुल 3 प्रांत थे,आज पुरा तिब्बत चीन के कब्जे में है, चीन काफी संख्या में सेना को तिब्बत में उतारा हुआ है, एक लाख से अधिक किलोमीटर वह सड़क बना चुका है,वह सीमावर्ती इलाकों में रास्ता बनाते हुए काठमांडू तक जाने की तैयारी कर रहा है, वह रेलवे लाइन को पाकिस्तान से लेकर अरब सागर तक बिछा रहा है,वह नया - नया शहर बना रहा है, तिब्बत के लोग अपनी पुरानी स्थानों पर ही रहते हैं,तिब्बत पर चीनी भाषा हर तरफ कब्जा कर लिया है,तिब्बत के आजादी के लिए वहां के लोग काफी संख्या में आत्मदाह किया,तिब्बत में इतनी पाबंदियां चीन लगा रखा है कि लोग रेडियो तक नहीं सुन सकता है,

उन्होंने कहा कि बाबा के पैमाने पर बांध बना रहा है,पानी को रोकने के लिए,वह कभी भी पानी को छोड़ सकता है,आज चीन दलाई लामा के नए अवतार को खोज रहा है,पर आज भारत सरकार चुप बैठी हुई है,यह भारत की सुरक्षा का मामला है, बॉर्डर से जुड़े जगहों पर काफी संख्या में मंदिर मठ है जिस पर चीन का निगाहें,आज देखा जाए तो हिमालय की सुरक्षा पर भी खतरा मंडरा रहा है,चीन आज तेज गति से सड़क एयरपोर्ट रेलवे पटरी बिछाने का काम कर रहा है,वहीं भारत को समुंदर के इलाके वाले एरिया में घेर रहा है,जो काफी खतरा है,चीन आंतकवाद और नक्सल को काफी मदद करता है, चीन भारत के 8 राज्यों को कब्जा करना चाहता है जो सीमा से सटे, चीन के एजेंट भारत में सक्रिय रहते हैं भारत के आंदोलन पर चीन का नजर रहता है,चीन भारत को टूटा हुआ देखना चाहता है,उन्होंने कहा कि तिब्बत के साथ-साथ भारत को भी समस्या है,

उनहोंने कहा कि तिब्बत को आजाद होना बहुत जरूरी है 70 सालों से हम सोए हुए हैं,उन्होंने कहा कि तिब्बत आजाद होगा तो भारत भी सुरक्षित होगा और नेपाल और भूटान भी अच्छा सांस ले पाएगा, उन्होंने कहा कि तिब्बत में दलाई लामा का फोटो रखने पर 7 सालों की सजा होती है,इस अवसर पर पूर्व प्रधानमंत्री प्रोफ़ेसर सामदोंग रिनपोछे ने कहा की तिब्बत की आजादी के लिए हम लोगों को विशेष रुप से सोचना होगा,दुनिया के लोग इस पर विशेष रूप से ध्यान दें,चीन आज हर क्षेत्र में मनमानी कर रहा है, हमें चीन की की सरकारें के आंकड़े तो उपलब्ध नहीं होते हैं लेकिन तिब्बत के क्षेत्र में लगभग 6  सेना को बैठा रखा है,आज तिब्बत में तिब्बती जनता को बेदखल कर चीनी नागरिकों को बसाया जा रहा है, पूर्व प्रधानमंत्री ने कहा कि फरवरी 2009 से लेकर अप्रैल 2012 तक करीब 36 लोगों ने आत्मदाह तिब्बत में किया है,उनहोंने कहा कि वहां की रिपोर्ट बाहर नहीं आ पाती है जिसके कारण वहां क्या हो रहा है उसके बारे में जानकारी हम लोगों को ठीक तरह से नहीं मिल पाता है,

इस अवसर पर बिहार सरकार के ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार ने कहा कि राजगीर सभी धर्मों का समागम का केंद्र है,भगवान बुद्ध ने पूरी दुनिया को शांति प्रेम और भाईचारे का संदेश दिया था,मंत्री ने कहा कि तिब्बत पर काफी अत्याचार हुआ है,वह एक स्वतंत्र राष्ट्र बने,उन्होंने कहा कि तिब्बत के पक्ष में जो लोग खड़े हैं उनके जज्बे को हम सलाम करते हैं, उनहोंने कहा कि हमलोग आपके सहयोग के लिए खड़े हैं,इस अवसर पर विदेश मंत्री नूरलीन डोलमा, भारत तिब्बत मैत्री संघ के महामंत्री प्रोफेसर आनंद कुमार सहित अन्य लोग मौके पर उपस्थित थे,

 

राजगीर पहुंचे तिब्बत प्रवासी सरकार के प्रधानमंत्री पेन्पा सेरिंग ने कहा: तिब्बत पर चीन का है कब्जा लेकिन आजादी के लिए नहीं मिल रही है किसी देश की मदद राजगीर पहुंचे तिब्बत प्रवासी सरकार के प्रधानमंत्री पेन्पा सेरिंग ने कहा: तिब्बत पर चीन का है कब्जा लेकिन आजादी के लिए नहीं मिल रही है किसी देश की मदद Reviewed by News Bihar Tak on November 02, 2022 Rating: 5

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