राजगीर में 20 वें तीर्थंकर भगवान श्री मुनीसुव्रत स्वामी जी का तीन दिवसीय केवल ज्ञान कल्याणक महोत्सव हुआ शुरू,कई राज्यों से काफी संख्या में पहुंचे जैन श्रद्धालु
श्री जैन श्वेतांबर कोठी राजगीर स्थित नौलखा मंदिर में 20 वें तीर्थंकर भगवान श्री मुनीसुव्रत स्वामी जी का तीन दिवसीय केवल ज्ञान कल्याणक महोत्सव का भव्य शुरुआत हो गया है।
जिसमें देश के महाराष्ट्र गुजरात, पटना, झारखंड ,दिल्ली, राजस्थान,मध्य प्रदेश सहित कई राज्यों से जैन श्रद्धालु जैन श्रद्धालु पहुंचे हैं।इस अवसर पर पूरे मंदिर परिसर को आकर्षक ढंग से सजाया गया है।आज केवल ज्ञान कल्याणक महोत्सव की शुरुआत तीर्थंकर भगवान श्री मुनीसुव्रत स्वामी की अर्हत महा अभिषेक से पूजा की गई।जिसमें 24 प्रकार के द्रव्य से प्रभु का अभिषेक किया गया।एवं मन्दिर जी में अठारह पाप स्थानक पूजा का आयोजन धूमधाम से किया गया और पूरे मन्दिर परिसर को फुलों से सजाया गया है तथा भगवान की सुन्दर ऑगी भी की गई।भगवान श्री मुनीसुव्रत स्वामी जी की जयकारों से पूरा मंदिर गूंज उठा।
इस अवसर पर मुनि दादा कल्याणक मंडल मुंबई के कोमल भाई मेहता ने कहा यहाँ के कण कण में प्रभु ने विचरण किया है।ऐसी पवित्र भूमि की यात्रा भाग्यशालियों को ही मिलती है।हम अपने को धन्य समझते हैं कि हमें कल्याणक भूमि में उपस्थित होकर प्रभु की आराधना करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ है। उन्होंने कहा कि राजगीर एक अति पवन कल्याण तीर्थ भूमि है। हम सबों को इन प्राचीन कल्याणक भूमि की यात्रा जीवन में अवश्य करनी चाहिए।उन्होंने कहा कि राजगीर हमें अपना घर जैसा लगता है यहां आकर हमें अत्यंत ही धार्मिक वातावरण का अनुभव होता है यहां कन कन में प्रभु विराजमान है ऐसा प्रतीत होता है।उन्होने कहा की जैन धर्म के अनुसार वत्थु सहावो धम्मो अर्थात् वस्तु का स्वभाव ही धर्म है।प्रत्येक वस्तु का कोई न कोई स्वभाव होता है।जैसे अग्नि का स्वभाव उष्णता है और जल का स्वभाव शीतलता है।प्रत्येक वस्तु अपने मूल स्वभाव को कभी नहीं छोड़ती है।अन्य वस्तु का संयोग पाकर स्वभाव में परिवर्तन हो जाता है।जब यह संयोग नहीं रहता है तो वह वस्तु अपने मूल स्वभाव में लौट आती है।जैसे पानी का स्वभाव शीतल है।यदि इसे अग्नि का संयोग प्राप्त हो जावे तो इसके स्वभाव में परिवर्तन हो जाता है।
अर्थात् गर्म हो जाता है और जब संयोग समाप्त हो जाता है,तो पानी अपने मूल स्वभाव शीतलता में लौट आता है।इसी प्रकार आत्मा का स्वभाव ज्ञाता-दृष्टा है व मूल में शुद्ध है, मगर कर्मों के संयोग से यह अशुद्ध होकर संसार में भ्रमण कर रही है।जब कर्मों का संयोग समाप्त हो जावेगा तो यह आत्मा अपने मूल स्वभाव अर्थात् शुद्धता को प्राप्त कर लेगी और सिद्धालय में विराजमान हो जावेगी।उन्होने कहा की चारित्र को भी धर्म कहा गया है। चारित्र को निश्चय से धर्म कहा है क्योंकि चारित्र धारण किये बिना आत्मा से बद्ध पुद्गल कर्मों की निर्जरा सम्भव नहीं है।
चारित्र भाव से क्रियात्मक होना चाहिए अर्थात् शुद्ध भाव पूर्वक आचरण में महाव्रत रूप लेना आवश्यक है। इस अवसर पर संस्था के मंत्री रंजन कुमार जैन ने कहा कि तीर्थकर परमात्मा के चरण जहाँ पड़े ऐसी पवित्र नगरी राजगीर तीर्थ में आये हुये तीर्थयात्रियों का स्वागत कर हम काफी आनन्दित महसुस करते हैं यह हमारे लिये सौभाग्य की बात है।भगवान के चार कल्याणक च्यवन, जन्म, दीक्षा एवं केवलज्ञान इसी पवित्र भूमि पर हुये हैं। इस अवसर पर संस्था के ट्रस्टी राजकुमार जैन ने कहा कि कल्याणक पूजा के माध्यम से समस्त समाज में एक अच्छा संदेश जाता है।सभी श्रद्धालु सौभाग्यशाली है कि जिन्हें इस आयोजन में सम्मिलित होने का मौका मिला है।
इस अवसर पर संस्था के सहायक प्रबंधक ज्ञानेन्द्र पाण्डेय ने कहा कि कल्याणक पूजा का आयोजन प्रतिवर्ष किया जाता है इससे हम सबों में एक नई उर्जा का संचालन होता है। भगवान की आराधना करने से हमें काफी सुकुन मिलता है। इस अवसर पर संस्था के कैशियर संजीव कुमार जैन ने कहा कि नौलखा मन्दिर का निर्माण राजस्थान के कुशल कारीगरों को द्वारा किया गया है।इसका निर्माण सन 1954 में प्रारंभ किया गया था इस मन्दिर जी में प्रभु की प्रतिष्ठा सन 1961 में हुई है।भगवान श्री मुनिसुब्रत स्वामी भगवान श्री राम के समकालीन थे।प्रतिवर्ष लाखों तीर्थयात्री इस तीर्थ की यात्रा करने पधारते हैं। इस मन्दिर जी की विशेषता है कि इसमें कहीं भी लोहे का इस्तेमाल नहीं किया गया है।इस अवसर पर सुप्रसिद्ध संगीतकार निपुन मेहता ने अपने भजनों के कार्यक्रमों से लोगों को झूमने पर मजबूर कर दिया।
उन्होंने एक से बढ़कर एक अपनी मखमली आवाज उसे भजनों की प्रस्तुति दी।इस अवसर पर समीर मेहता,जिमी मेहता,राजु भाई,परेश संघवी, दीपेश मोरखीया,हनीष संघवी, संजीव कुमार जैन, विजय भाई, रमेश भूरा,नीलेश मोरखिया,निपुन मेहता,सुशील कुमार जैन,मधु बेन,डौली जैन, अर्चना जैन, अनीता बोथरा, प्रेमलता बेन, पुनम बेन,प्रिया बेन,वैशाली बेन,गीता बेन,सुखराज जैन, मोनू सुचन्ती,सत्येन्द्र कुमार,रेखा जैन,कंचन जैन,सुषमा पाण्डेय,रूपा जैन,परी जैन सहित अन्य लोग उपस्थित थे।
राजगीर में 20 वें तीर्थंकर भगवान श्री मुनीसुव्रत स्वामी जी का तीन दिवसीय केवल ज्ञान कल्याणक महोत्सव हुआ शुरू,कई राज्यों से काफी संख्या में पहुंचे जैन श्रद्धालु
Reviewed by News Bihar Tak
on
February 17, 2023
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