बिहार राज्य इंडियन मेडिकल एसोसिएशन संघ का 78 वां वार्षिक सम्मेलन राजगीर में आयोजित किया गया, अध्यक्ष के रूप में पदभार ग्रहण डाक्टर श्याम नारायण प्रसाद ने किया
बिहार राज्य इंडियन मेडिकल एसोसिएशन संघ वार्षिक का 78 वां सम्मेलन राजगीर के इंटरनेशनल कन्वेंशन हॉल में आयोजित किया गया।जिसमें बिहार सहित देश के कई राज्यों के लगभग 500 चिकित्सक शामिल हुए हैं।जिसका उद्घाटन संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ शरद कुमार अग्रवाल,मुख्य संरक्षक पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉक्टर सहजानंद प्रसाद सिंह,डीन डाक्टर वेद प्रकाश मिश्रा ने किया।
इस अवसर पर बिहार राज्य इंडियन मेडिकल एसोसिएशन संघ के अध्यक्ष के पदभार के रूप में डाक्टर श्याम नारायण प्रसाद ने ग्रहण किया।वही कुल 9 सत्रों में वरीय चिकित्सकों के द्वारा गंभीर बीमारियों के पहचान और उसका इलाज के ऊपर अपना व्याख्यान दिया।इस अवसर पर बिहार राज्य इंडियन मेडिकल एसोसिएशन संघ के अध्यक्ष के डाक्टर श्याम नारायण प्रसाद ने कहा कि बिहार राज्य इंडियन मेडिकल एसोसिएशन संघ वार्षिक का 78 वा सम्मेलन का आयोजन किया गया है,बिहार के सभी जिलों के साथ देश के दिल्ली, झारखंड,उड़ीसा,यूपी,आंध्र प्रदेश, राजस्थान,हरियाणा,बंगाल सहित राज्यों के कुल 500 चिकित्सक शामिल हुए हैं।
उन्होंने बताया कि कुल 9 सत्रों में विभिन्न गंभीर बीमारियों का पहचान इलाज सहित कई महत्वपूर्ण विषयों पर व्याख्यान दिया गया। उन्होंने कहा कि मौजूदा समय में जो चिकित्सकों की चुनौतियां हैं,उस पर विशेष रूप से चर्चा की गई है। उन्होंने कहा कि चिकित्सा बिरादरी उथल-पुथल की गंभीर स्थिति में है, इस अर्थ में उथल-पुथल है कि कॉर्पोरेट अस्पतालों और व्यक्तिगत चिकित्सकों के बीच संघर्ष चल रहा है।आज अधिकांश रोगी गूगल और यूट्यूब पर भरोसा करते हैं,उन्होंने कहा कि दुख की बात है कि अधिकांश युवा स्नातक और स्नातकोत्तर जल्दी में हैं और थोड़ा भ्रमित हैं।उनमें से कई लोग संघ और चिकित्सा को महत्व नहीं देते हैं,उन्होंने कहा जब तक हम एकजुट नहीं होंगे, हमारे साथियों के साथ बढ़ती घटनाएं होना तय है और आईएमए से बेहतर कोई प्लेटफॉर्म नहीं है।
आईएमए को ट्रेड यूनियन की तरह मानें और इसे हर तरह से मजबूत करें, क्योंकि यही एक संस्था है जो डॉक्टरों के अधिकार, सम्मान और गरिमा के लिए खड़ी है।इसलिए मैं आईएमए के प्रत्येक सदस्य से चिकित्सा का पालन करने का आह्वान करता हूं,नैतिकता और एक सीधी रेखा में आगे बढ़ने की कोशिश करें और कभी भी दूसरों की आलोचना न करें बल्कि बने रहें,जब भी और जहां भी जरूरत हो, दूसरों की मदद करें।
इस अवसर आयोजन अध्यक्ष डॉ ब्रज भूषण सिन्हा ने कहा कि एसोसिएशन के द्वारा एक अप्रैल से लेकर 7 अप्रैल तक स्वास्थ सप्ताह मनाया जाएगा।इन 7 दिनों में एसोसिएशन के द्वारा विभिन्न गंभीर बीमारियों की पहचान एवं इलाज के लिए निशुल्क शिविर लगाया जाता है।और लोगों को जांच कर उचित इलाज भी किया जाता है।उन्होंने कहा कि आज विभिन्न बीमारियों की पहचान एवं उसका रोकथाम एवं इलाज को लेकर विशेष रूप से चर्चा भी की गई है।उन्होंने कहा कि कोरोना के बाद परिस्थितियां काफी बदल गई है। आज बहुत सारी बीमारियों के चपेट में लोग आ रहे हैं।
ऐसे में सावधानियां और इलाज बहुत जरूरी है। एसोसिएशन के द्वारा इस पहलू पर लगातार लोगों को जागरूक किया जा रहा है।उन्होंने कहा कि कोरोना पुरा शरीर को नर्वस तक देता है।उन्होंने कहा कि डायबिटीज वाले लोगों को विशेष सावधानियां बरतनी चाहिए।यह ऐसा बीमारी है कि बिना दर्द का ही जानलेवा हो जाता है। शरीर के महत्वपूर्ण अंगों को डैमेज कर देता है।उन्होंने कहा कि डायबिटीज़ एक गंभीर बीमारी है जिससे, आपको आजीवन परेशानियां हो सकती हैं।डायबिटीज़ से पीड़ित व्यक्ति को स्वास्थ्य से जुड़ी कई तरह की परेशानियां झेलनी पड़ सकती हैं।
लेकिन कुछ सावधानियां बरतकर डायबिटीज की बीमारी से बचा जा सकता है।उन्होंने कहा कि डायबिटीज आज विश्वभर में प्रभावित करने वाली एक बीमारी बन गई है,इन गुज़रे सालो मे डायबिटीज का वैश्विक प्रसार काफी बढ़ गया है, इस अवसर पर गोरखपुर एम्स के डाक्टर कनिष्क कुमार वैज्ञानिक सत्र में बदलते वातावरण एवं मौसम के ऊपर व्याख्यान देते हुए कहा कि जब भी मौसम बदलता है तो लोग ज्यादातर मौसम को थोड़ा महसूस करते हैं। तापमान में बदलाव वायरस के विभिन्न समूहों को पनपने के लिए एक उपयुक्त स्थिति प्रदान करता है जो बाद में संक्रामक रोगों को फैलाता है। वायरसों में सबसे आम मानव राइनोवायरस (एचआरवी) है जो सभी तबीयत खराब होने के 40 प्रतिशत तक के मामलों का कारण बनता है।उन्होंने कहा कि बदलते मौसम के उतार-चढ़ाव को हल्के में न लें। इन दिनों मौसम में तेजी से बदलाव आ रहा है।
दिन में मौसम सामान्य है तो रात और सुबह के समय तापमान सामान्य से कम महसूस हो रहा है। ऐसे में हमें स्वास्थ्य के प्रति सचेत रहने की जरूरत है। इस बदलते मौसम में डेंगू, वायरल बुखार जैसी बीमारियां तेजी से पनपती हैं। सुबह-शाम की ठंड, दिनभर गर्मी के इस मौसमी बदलाव में अपनी सुरक्षा खुद करें। यह मौसम आपको भारी नुक्सान पहुंचा सकता है। ऐसे में खुद को सुरक्षित रखने के लिए हमारा सावधान रहना जरूरी है। उन्होंने कहा कि वातावरण और जलवायु में बदलाव के कारण सर्दी-जुकाम, डेंगू व वायरल बुखार जैसे खतरनाक रोग बड़ी आसानी से हमारे शरीर को घेर लेते हैं।उन्होंने कहा कि बदलते मौसम के इस उतार-चढ़ाव के कारण हमारे शरीर की रोग-प्रतिरोधक क्षमता कम होती जाती है।किसी भी प्रकार के संक्रामक रोगों से बचने के लिए अपने हाथों को साबुन से अच्छी तरह धोएं, गर्म पानी का उपयोग करें।
बदलते मौसम के दौरान स्वच्छता का विशेष ध्यान रख कर बीमारियों से काफी दूर रहा जा सकता है। मौसमी बीमारियां होने पर समय रहते बेहतर इलाज करवाना चाहिए। बच्चों एवं बुजुर्गों के बीमार होने पर उनके इलाज में बिल्कुल भी लापरवाही नहीं बरतनी चाहिए।नहीं तो तबियत ज्यादा बिगड़ सकती है। उन्होंने कहा कि इस तरह के मौसम में लोगों के बीमार होने का कारण इंफेक्शन लगातार बढ़ता जानता है और रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होती जाती है। इससे बचने लोगों को स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान देने की जरूरत पड़ती है। इस अवसर पर चिकित्सको को सम्मानित भी किया गया।
इस अवसर पर वरीय चिकित्सक सुजीत कुमार, डाक्टर अरविंद कुमार,डॉ मनोज कुमार,डॉ इंद्रजीत कुमार, डाक्टर विजय शंकर सिंह, डॉ सुनील कुमार, डाक्टर जेके ठाकुर,डॉ कुमार अमरदीप नारायण, डॉ अशोक कुमार, डॉक्टर सरफराज आलम, डॉ शशि रंजन, डाक्टर अमित कुमार, डाक्टर रुपेश कुमार, डाक्टर राजीव सिन्हा, डाक्टर रिना सिन्हा, डाक्टर अजय कुमार, डाक्टर रंजना, डाक्टर स्नेहा कुमारी, डाक्टर सुषमा कुमारी, डॉ अश्विनी कुमार वर्मा, डाक्टर बालमुकुंद प्रसाद, डॉ राजीव रंजन, डॉक्टर प्रशांत कुमार, डॉ आशुतोष कुमार सहित अन्य लोग उपस्थित थे।
बिहार राज्य इंडियन मेडिकल एसोसिएशन संघ का 78 वां वार्षिक सम्मेलन राजगीर में आयोजित किया गया, अध्यक्ष के रूप में पदभार ग्रहण डाक्टर श्याम नारायण प्रसाद ने किया
Reviewed by News Bihar Tak
on
February 28, 2023
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