राजगीर प्राकृतिक आरोग्याश्रम में जांच एवं इलाज प्राकृतिक चिकित्सा पद्धति के द्वारा आयोजन किया गया,संचालक उमेश कुमार ने कहा :प्राकृतिक तत्वों का उपयोग करके प्राकृतिक चिकित्सा पद्धति का जन्म हुआ
राजगीर प्राकृतिक आरोग्याश्रम में जांच एवं इलाज प्राकृतिक चिकित्सा पद्धति के द्वारा आयोजन किया गया।जिसका उद्घाटन राष्ट्रीय अध्यात्म सलाहकार डॉ सुख नारायण भैया,प्राकृतिक आरोग्याश्रम के संचालक उमेश कुमार ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया।मौके पर सैकड़ों लोगों को प्राकृतिक चिकित्सा पद्धति से जांच एवं इलाज किया गया।लोगों को निरोग होने के लिए मौके पर कई सलाह दिया जाए।इस अवसर पर राष्ट्रीय अध्यात्म सलाहकार डॉ सुख नारायण भैया ने कहा कि हवन चिकित्सा एवं नेचरोपैथी चिकित्सा बहुत ही सटीक व सरल चिकित्सा विधि है,जिससे मानव जीवन को प्रभावित करने वाले दूषित वायु जो मनुष्य के स्वास के माध्यम से शरीर को विभिन्न प्रकार के रोगों से घेरे रहता है,उसे वन औषधियों को जलाकर हवन के धुओं को स्वॉस से खींचवाये जाते है।हवन चिकित्सा-विधि रोगी को तत्काल स्वास्थ्य, दीर्घायु जीवन जीने के कारगर उपाय है।
उन्होंने कहा कि प्राकृतिक चिकित्सा मुख्य रूप से विजातीय तत्वों के शरीर मे संचय होने, रक्त की अशुद्धि एवं शरीर मे जीवनीय शक्ति की कमी होने को रोगों का मुख्य कारण मानती है। प्राकृतिक चिकित्सा मे आहार को ही औषधि माना गया है, इसीलिए आहार के विभिन्न प्रकार और उपयोग का विस्तृत वर्णन प्राकृतिक चिकित्सा मे मिलता है।
इस अवसर पर इस अवसर पर प्राकृतिक आरोग्याश्रम के संचालक उमेश कुमार ने कहा कि मानव सेवा करते हुए हमें खुशी मिलती है, उन्होंने कहा कि यह संस्थान 60 वर्षों से लोगों को सेवा प्रदान कर रहा है।उन्होंने कहा कि मानव सेवा ही सबसे बड़ा धर्म है।प्राकृतिक रहन-सहन एवं खान-पान का प्रयोग करते हुए स्वस्थ रहना या बीमार होने पर प्रकृति द्वारा दिये गये तत्वों का प्रयोग करके निरोग हो जाना ही प्राकृतिक चिकित्सा है। इसी क्रम मे विभिन्न प्राकृतिक तत्वों का उपयोग करके प्राकृतिक चिकित्सा पद्धति का जन्म हुआ।सर्वप्रथम एक साधारण किसान विनसेंट प्रिसनिज ने 18वीं शताब्दी मे जल का उपयोग करके प्राकृतिक चिकित्सा को प्रारंभ किया।
उन्होंने कहा कि योग,नेचुरोपेथी, योग, आयुर्वेदिक विधि स्थित एवं राजगीर गरम जलधारा नये-पुराने रोगों का इलाज, जैसे- गैस्ट्रिक,त्वचा, कैंसर, बवासीर, सुगर,मोटापा, लकवा,मुहाँसा, ह्रदय रोग, गठिया वात व्याधि इत्यादि अन्य सभी प्रकार के पुरुष एवं स्त्री रोगों का रोग से मुक्ति मिल सकती है, इस अवसर पर रामप्रवेश दास, ने मौके पर कई गंभीर बीमारियों का उचित इलाज के बारे में विस्तार से बताया।
राजगीर प्राकृतिक आरोग्याश्रम में जांच एवं इलाज प्राकृतिक चिकित्सा पद्धति के द्वारा आयोजन किया गया,संचालक उमेश कुमार ने कहा :प्राकृतिक तत्वों का उपयोग करके प्राकृतिक चिकित्सा पद्धति का जन्म हुआ
Reviewed by News Bihar Tak
on
February 16, 2023
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