नालंदा में सूर्य महोत्सव के आयोजन को लेकर राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर स्मृति न्यास द्वारा राजगीर में बैठक आयोजित की गई,तैयारियों को लेकर हुई चर्चा
30 अक्टूबर को आयोजित होने वाले सूर्य महोत्सव की तैयारी को लेकर पर्यटन स्थल राजगीर के पूर्वी भारत धर्मशाला में बैठक आयोजित की गई,बैठक में महोत्सव को सफल बनाने को लेकर कई महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा हुई हुआ और कई निर्णय भी लिए गए,बैठक में विश्वकर्मा शंकराचार्य स्वामी दिलीप योगीराज महाराज ने कहा कि सूर्य नवग्रहों में श्रेष्ठ हैं,सूर्य के बिना जीवन की कल्पना व्यर्थ है,उनहों सुख, समृद्धि और विकास के लिए सूर्य का तेज आवश्यक है,नालंदा सहित बिहार की गौरवशाली परंपरा को फिर से पुनर्जीवित करने के लिए उन्होंने भगवान भास्कर से विनती की,और उनहोंने कहा पंच पहाड़ियों और नदियों के लिए मशहूर अध्यात्मिक शहर राजगीर के पूर्व भारत जैन धर्मशाला में आयोजित सूर्य महोत्सव, नालंदा की तैयारी को लेकर आयोजित बैठक की अध्यक्षता करते हुए विश्वकर्मा शंकराचार्य ने यह कहा,
उन्होंने कहा कि बिहार की ज्ञान और सांस्कृतिक परंपरा विश्व का गौरव था और आज भी है. यहां की संस्कृति और ज्ञान विश्व विख्यात है, स्वामी दिलीप योगीराज महाराज ने कहा धर्म की रक्षा से खुद की रक्षा होगी,संस्कृति, संस्कार, सभ्यता हमारी धार्मिक धरोहर है,आयुर्वेद में भगवान सूर्य को ईश्वर का नेत्र माना गया है,सूर्य हमारे जीवन में प्रकाश सौर ऊर्जा के स्रोत हैं,इसीलिए ज्योतिष में सूर्य को व्यक्ति का प्राण कहा गया है,
विश्व में मात्र एक देवता सूर्य हैं, जो साक्षात होकर प्रतिदिन दर्शन देते हैं,वह सुख,शांति और समृद्धि के सूचक हैं,ब्रह्मांड में सूर्य देव एकमात्र ऐसे स्रोत हैं, जिनके बगैर जीवन की कल्पना नहीं की जा सकती है, सूर्य ही एक ऐसे देवता हैं,जिनकी समान कृपा सभी लोगों पर बगैर भेदभाव के होती है,उन्होंने कहा कि सूर्य महोत्सव के मौके पर सूर्य विज्ञान और अध्यात्म पर संगोष्ठी भी अपेक्षित है,उन्होंने कहा माघ मेला के मौके पर राजगीर में विश्व कुश्ती का आयोजन किया जाएगा. देश के सभी प्रदेशों में वैदिक यज्ञ के आयोजन की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा वैदिक यज्ञ सनातन धर्म को जागृत करने का मूल उद्देश्य है,
अध्यात्म के क्षेत्र में राजगीर की जितनी बड़ी पहचान है,उतनी शायद किसी क्षेत्र को नहीं है,गोपालधाम पीठ के महंत सनातन चैतन्यानंद सरस्वती ने सूर्य महोत्सव से संत महात्माओं को भी जोड़ने का सुझाव दिया, महोत्सव को यादगार बनाने के लिए विभिन्न पहलुओं पर गंभीर चर्चा की गयी. सूर्य महोत्सव पर एक स्मारिका प्रकाशित करने का निर्णय बैठक में लिया गया,स्मारिका का नाम अपने समय का सूर्य' रखने का निर्णय लिया गया,सूर्य महोत्सव नालंदा की तैयारी को लेकर विभिन्न पहलुओं पर गंभीर चर्चा की गई. रासबिहारी हाई स्कूल, नालंदा के मैदान में भव्य पंडाल और आकर्षक मंच बनाने का निर्णय लिया गया,महोत्सव मंच से जिले के वैसे लोग,जिन्होंने राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पहचान बनाया है,उन्हें 'नालंदा सम्मान' से सम्मानित करने का निर्णय लिया गया है,वैसे लोगों की पहचान करने के लिए वार्ड पार्षद श्रवण कुमार के संयोजकत्व में तीन सदस्यीय समिति बनायी गयी है, नरेंद्र कुमार नेपुरिया और लाल सिंह को समिति का सदस्य बनाया गया है,साथ ही जिले के शहीद जवानों की पत्नी को भी नालंदा सम्मान से सम्मानित करने का बैठक में फैसला लिया गया,
इस अवसर पर बिहार महामंडलेश्वर स्वामी विवेक मुनि महाराज, गोपालधाम पीठ के महंत स्वामी सनातन चैतन्यानंद सरस्वती, प्रो शिवेंद्र नारायण सिंह, सूर्य महोत्सव के संयोजक राम विलास, नवनियुक्त माध्यमिक शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष डॉ गणेश शंकर पांडेय, प्रो सुधीर कुमार मालाकार, राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर स्मृति न्यास के सचिव परीक्षित नारायण सुरेश,पूर्व रेलवे स्टेशन मैनेजर मंतोष कुमार मिश्रा,पैक्स अध्यक्ष अरुण कुमार, राजगीर - तपोवन तीर्थ रक्षार्थ पंडा कमेटी के प्रवक्ता सुधीर कुमार उपाध्याय, योगगुरु अजय प्रसाद आर्य, नरेंद्र कुमार नेपुरिया, अरुण कुमार, अंशु कुमार, रूपेश कुमार, धीरज कुमार, विनय कुमार, पप्पु कुमार सिंह, सुनील कुमार सहित अन्य लोग उपस्थित थे,
नालंदा में सूर्य महोत्सव के आयोजन को लेकर राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर स्मृति न्यास द्वारा राजगीर में बैठक आयोजित की गई,तैयारियों को लेकर हुई चर्चा
Reviewed by News Bihar Tak
on
October 09, 2022
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