पर्यटन स्थल राजगीर के गुरु नानक शीतल कुंड प्रांगण में सिक्ख पंथ के नवें गुरु तेग बहादुर साहिब का तीन दिवसीय 400 वां प्रकाश गुरु पर्व मनाया जा रहा है, देश के कई राज्यों के सीख श्रद्धालु पहुंचे

पर्यटन स्थल राजगीर के गुरु नानक शीतल कुंड प्रांगण में सिक्ख पंथ के नवें गुरु तेग बहादुर साहिब का तीन दिवसीय 400 वां प्रकाश गुरु पर्व मनाया जा रहा है, देश के कई राज्यों के सीख श्रद्धालु पहुंचे


राजगीर।।

पर्यटन स्थल राजगीर के गुरु नानक शीतल कुंड प्रांगण में सिक्ख पंथ के नवें गुरु तेग बहादुर साहिब का तीन दिवसीय 400 वां प्रकाश गुरु पर्व शुरू हो गया है। जिसमें जिसमें देश के कई राज्यों से सीख श्रद्धालुओं का आगमन हुआ है।वहीं तिन दिवस्य प्रकाश गुरु पर्व अखंड कीर्तन पाठ से शुभारंभ किया गया।और इस दौरान गुरु साहिब के जीवन पर प्रकाश डाला गया।इस अवसर पर गुरुद्वारा के ग्रंथी मंजीत सिंह ने बताया कि ऐतिहासिक गुरु नानक शीतल कुंड प्रांगण में गुरु तेग बहादुर साहिब का 400 वां प्रकाश पर्व बहुत ही सादगी एवं श्रद्धा पूर्वक मनाया जा रहा है।


उन्होने नौंवे गुरु वैराग की मूरत, ज्ञान के सागर, धर्म के रक्षक सभी प्रकार के ईश्वरीय और आत्मिक गुणों के दाता,आप परमेश्वर स्वरूप गुरु तेग बहादुर के प्रकाश पर्व की बधाई और शुभकामनाएं दी।उन्होने कहा की सहनशीलता,कोमलता और सौम्यता की मिसाल के साथ साथ गुरु तेग बहादुर साहिब जी ने हमेशा यही संदेश दिया कि किसी भी इंसान को न तो डराना चाहिए और न ही डरना चाहिए।इसी की मिसाल दी गुरु तेग बहादुर साहिब जी ने बलिदान देकर,जिसके कारण उन्हें हिन्द की चादर या भारत की ढाल भी कहा जाता है उन्होंने दूसरों को बचाने के लिए अपनी कुर्बानी दी।उन्होने कहा की नौवें गुरु जी के उपदेश, उनकी बाणी हमें जीवन में सत्य के मार्ग पर दृढ़ता से चलने की शक्ति प्रदान करते हुए वैर, ईर्ष्या, काम, क्रोध, मोह, लोभ, अहंकार से मुक्त करती है. अध्यात्म के मार्ग का स्पष्ट सूत्र देते हुए एक सर्वव्यापी परमेश्वर का बोध कराती है।

उन्होने कहा की गुरू तेग बहादुर जी ने धर्म की खातिर अपना सब कुछ कुर्बान कर दिया।ऐसा कोई संत परमेश्वर ही कर सकता है जिसने अपने पर में निज को पा लिया हो अर्थात् अपने हृदय में परमात्मा को पा लिया।उन्होने कहा की संसार को ऐसे बलिदानियों से प्रेरणा मिलती है, जिन्होंने जान तो दे दी, परंतु सत्य का त्याग नहीं किया। नवम पातशाह श्री गुरु तेग बहादुर जी भी ऐसे ही बलिदानी थे। गुरु जी ने स्वयं के लिए नहीं, बल्कि दूसरों के अधिकारों एवं विश्वासों की रक्षा के लिए अपने प्राणों का उत्सर्ग कर दिया। अपनी आस्था के लिए बलिदान देने वालों के उदाहरणों से तो इतिहास भरा हुआ है, परंतु किसी दूसरे की आस्था की रक्षा के लिए बलिदान देने की एक मात्र मिसाल है।

बताते हुए चले की श्री गुरूतेगबहादुर साहेब जी की 400 वाँ प्रकाश उत्सव, प्रबंधक कमेटी तख्त श्री हरिमंदिर जी पटना साहिब एवं संगतों के सहयोग से गुरूद्वारा गुरू नानक शीतल कुण्ड में मनाया जा रहा है जिसमें गुरू ग्रंथ साहिब जी की छत्रछाया में अखण्ड पाठ आरम्भ हुआ।जिसकी शुरूआत भाई मनजीत सिंह जी, जो ग्रंथी द्वारा अरदास कर शुरू की गई।इस अवसर पर ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार गुरू आर्शीवाद प्राप्त किये एवं लंगर की शुरूआत किया।इस अवसर पर प्रबंधक कमेटी तख्त श्री हरिमंदिर जी पटना साहिब के मैनेजर एवं गुरु नानक शीतल कुंड के इंचार्ज सरदार हरजीत सिंह,सेवा भूरी वाले बाबा,कशमीर सिंह जी, बाबा सुखविंदर सिंह जी, बाबा मुरविंदर सिंह जी, गुरूद्वारा बाल लीला साहिब,जथेदार बाबा हरि सिंह, बाबा जगजीत सिंह, सेवादार सुखा सिंह, ग्वालियर,जगदीश सिंह,काका नरिंदर सिंह,भोल्दी,  हरशान सिंह,छोटु सिंह, सुरेंद्र सिंह, गुरविंदर सिंह, धर्मराज प्रसाद सहीत अन्य लोग उपस्थित थे, इस अवसर पर पंजाब ,दिल्ली, लुधियाना, जालंधर ,अमृतसर ,झारखंड, हरियाणा, पटना, सहित कई राज्यों के सिख श्रद्धालुओं का आवागमन हुआ है, 




 

पर्यटन स्थल राजगीर के गुरु नानक शीतल कुंड प्रांगण में सिक्ख पंथ के नवें गुरु तेग बहादुर साहिब का तीन दिवसीय 400 वां प्रकाश गुरु पर्व मनाया जा रहा है, देश के कई राज्यों के सीख श्रद्धालु पहुंचे पर्यटन स्थल राजगीर के गुरु नानक शीतल कुंड प्रांगण में सिक्ख पंथ के नवें गुरु तेग बहादुर साहिब का तीन दिवसीय 400 वां प्रकाश गुरु पर्व मनाया जा रहा है, देश के कई राज्यों के सीख श्रद्धालु पहुंचे Reviewed by News Bihar Tak on January 05, 2022 Rating: 5

No comments:

Subscribe Us

Powered by Blogger.