राजगीर में वन विभाग के अधिकारियों पर तानाशाही और भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए वन श्रमिक अपने-अपने कामों को बंद कर गए अनिश्चितकालीन हड़ताल पर

राजगीर में वन विभाग के अधिकारियों पर तानाशाही और भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए वन श्रमिक अपने-अपने कामों को बंद कर गए अनिश्चितकालीन हड़ताल पर


राजगीर।।

पर्यटन स्थल राजगीर में बेनुवन,जयप्रकाश उद्यान पार्क,घोड़ा कटोरा,सर्किट हाउस, नर्सरी, गेस्ट हाउस रोपवे के पास सहित अन्य स्थानों पर काम करने वाले कुल 150 की संख्या में वन श्रमिक वन विभाग के अधिकारियों पर तानाशाही और भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए सभी वन श्रमिक अपने-अपने कामों को बंद कर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए हैं,मौके पर संघ के अध्यक्ष कामता राजवंशी ने बताया कि हम लोग सभी वन श्रमिक लगभग 20 वर्षों से राजगीर में  विभाग से हम लोग काम कर रहे हैं, पर हम लोगों के साथ विभाग के अधिकारी, पदाधिकारी दोहन शोषण करने का काम कर रहे हैं,वन श्रमिकों को ना ठीक तरह से वेतन दी जाती है ना ही कोई विभागीय सुविधा मुहैया कराया जाता है,जबकि हम लोगों से दिन-रात काम लिया जाता है,हम लोग विभाग से जुड़कर पूरी इमानदारी पूर्वक दिन रात काम करते हैं,पर हम लोगों को जितना वेतन मिलना चाहिए उतना नहीं दिया जाता है अधिकारियों पदाधिकारियों के द्वारा हमारा वेतन में से पैसे की कटौती कर लोग बंडरबांट करने का काम करते हैं,जिसके कारण हम गरीब वन श्रमिकों को ठीक तरह से भरण-पोषण भी नहीं हो पाता है,जब वेतन कटौती का विरोध किया जाता है तो वन श्रमिकों को विभाग के अधिकारी और पदाधिकारियों तानाशाही रवैया को अपनाकर जबरन हटा दिया जाता है,हमलोग करते हैं तो हमलोगों का हाजिरी भी पदाधिकारी ठीक तरह से नहीं बनाते हैं,और हम लोगों का मेहनत का पैसा अधिकारी और पदाधिकारी अपने जेब में रखते हैं, विभाग के अधिकारी और पदाधिकारी अपनी तानाशाही रवैया को अपनाते हुए 11 वन श्रमिकों को काम से हटा दिया गया है जो वर्षों से काम कर रहे थे,हटाए गए कर्मियों में गोरे यादव,राकेश कुमार,लालू कुमार, दिलीप सिंह,मुन्नी पासवान,आरती देवी,चंदन कुमार,सोना देवी, इंदु देवी,सुरेश राजवंशी और बलिराम राजवंशी शामिल है,हटाए गए इन वन श्रमिकों को आज काफी परेशानी हो गई है लोग बेरोजगार हो गए हैं,


सरकार एक तरफ रोजगार देने की बात कहती है तो दूसरी तरफ वन विभाग में बरसों से काम करें हैं, वन श्रमिकों को जवरन अधिकारियों और पदाधिकारियों के द्वारा हटाया जा रहा है,इतना ही नहीं वन श्रमिकों से 30 दिनों तक लगातार काम कराया जाता है,और पैसे सिर्फ 24 और 25 दिन के ही दिए जाते हैं,जिसके कारण ठीक तरह से हम लोगों का वेतन भी नहीं मिलता है,अध्यक्ष ने कहा कि घटनाओं को लेकर माननीय मुख्यमंत्री एवं संबंधित विभाग के मंत्री प्रधान सचिव, डीएफओ सहित अन्य संबंधित अधिकारी और पदाधिकारियों को पत्र के माध्यम से कई बार अवगत भी कराया गया है, लेकिन कोई हम लोगों की बात कोई नहीं सुन रहा है और ना ही कोई कार्रवाई हो रही है,तब जाकर हम लोगों ने थक हार कर सभी वन श्रमिक अपने अपने कामों को बंद कर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए हैं, उन्होंने कहा कि जब तक हमारी मांगे पूरी नहीं होगी जब तक हम लोग काम पर वापस नहीं लौटेंगे,अध्यक्ष ने कहा कि विभाग और सरकार इसको वर्षो से हमलोगों नजरअंदाज किये हुए हैं।जिसके कारण वन श्रमिकों को काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है।सरकार की घोषणा सिर्फ कागज के पन्नों पर ही सिमट कर रह गई है,आज सरकार वन श्रमिकों का दुख दर्द तकलीफ समस्याएं नहीं देख रही है।सिर्फ काम करवा रही है।

इतना ही नहीं हमारे वन श्रमिक जितना कड़े मेहनत से काम करते हैं उनको विभाग से उतना पैसा भी नहीं दिया जाता है।इतना ही नहीं इन वन श्रमिकों को विभाग के पदाधिकारियों के द्वारा धमकी दिया जाता है कि कम पैसों में काम नहीं करोगे तो तुम लोगों के ऊपर कड़े कार्रवाई करेगे।और काम से भी हटा देंगे।उनहोंने उनहोंने कहा की पदाधिकारियों का यह तानाशाही विभाग में कब तक चलेगा।उनहोंने कहा कि यह दुर्भाग्य की बात की है।आज वर्षो से कड़े मेहनत विभाग मे यह वन श्रमिक कर रहे हैं।और विभाग हमलोगों के बारे में भलाई के लिए कुछ नहीं सोचता है।अव हमलोग अपना हक अधिकार को लेने का काम करेगे।श्रम विभाग के नियम अनुसार 5 वर्ष  जिस विभाग में सेवा अवधि जिनका हो गया है।जिन्हें तत्काल अति कुशल के निर्धारित मजदूरी दिया जाना है।साथी उससे अधिक दिनों से जो सेवा दे रहे हैं उन्हें ₹18000 प्रति माह वेतन बन श्रमिक को दिया जाए वहीं केंद्र सरकार के संस्थानों में जो जो काम श्रमिक करते हैं उन्हें ₹18000 केंद्र सरकार देने का काम कर ही है उसी के तर्ज पर राज्य सरकार और विभाग इन वन श्रमिकों को ₹18000 प्रतिमाह वेतन देने का काम जल्द करें।अध्यक्ष ने कहा कि एक दिन के लिये भी विधायक ,संसद ,विधान परिषद, बनते हैं तो उन्हें जीवन भर का पेंशन और सरकारी सुविधा दी जाती है।यह सरकार के द्वारा गलत नीति है। उन्होंने कहा कि विभाग से अभिलंब मांग किया जाता है,कि सभी श्रमिकों को अति कुशल मजदूरी दिया जाए। वरीयता सूची के आधार पर कुशल अति कुशल मजदूरों की मजदूरी भुगतान एवं पीएफ भी सभी सदस्यों को लागू किया जाए, राजगीर नालंदा के सभी वन श्रमिकों को प्रमाण पत्र एवं पद सृजित का सभी सदस्यों को लागू किया जाए,शादी, विवाह, बीमारियों के कारण छुट्टी लेने पर हाजरी  की कटौती नहीं किया जाए, सभी वन श्रमिकों को वर्दी, जूता, छाता, सहित अन्य सामग्री प्रदान किया जाए,वन श्रमिकों का वेतन बैंक खाता द्वारा भुगतान किया जाए,सभी वन श्रमिकों को वरीयता सूची में नाम जोड़ा जाए,

छटनी ग्रस्त वन श्रमिकों को काम पर वापस लिया जाए, प्रत्येक महीने ठीक तरह से वेतन की भुगतान की जाए,इस अवसर पर सर्किट हाउस में वन श्रमिकों ने बताया की हम लोग 11 वन श्रमिक बरसों से सर्किट हाउस में काम कर रहे हैं, लेकिन इधर 4 महीनों से हम लोगों का वेतन नहीं दिया जा रहा है,जिसके कारण घर परिवार चलाना बहुत मुश्किल हो गया है,संबंधित पदाधिकारी सिर्फ डंडे के चोट पर हम लोगों से सिर्फ काम लेते हैं, वेतन की मांग करते हैं तो हटाने की धमकी देते हैं, इसी तरह नर्सरी में काम करने वाले वन श्रमिकों ने बताया की 5 महीने से हमलोगों का वेतन नहीं दिया जा रहा है, हम लोगों से काम लिया जा रहा है, संबंधित पदाधिकारियों के द्वारा हम लोगों पर सिर्फ शोषण दोहन की जा रही है,हम गरीबों की बात सुनने वाला कोई नहीं है,जिसके कारण हम लोगों को एक दिन का भोजन के लिए सोचना पड़ रहा है,पदाधिकारी तानाशाही रवैया अपना रखे हैं,हम लोगों का वेतन में भी घपला किया जा रहा है,

इस अवसर पर संघ के मंत्री उमेश यादव,रामवृक्ष यादव, भूषण डोम,हरिहर यादव,लालधारी यादव,भुनेश्वर यादव,लालो यादव,ईश्वर महतो, उचित प्रसाद, चांदो यादव, कपिल यादव ,गनौरी यादव ,अशोक यादव,, मनोज कुमार सिंह, ओम प्रकाश चौधरी, भोला राजवंशी, ललन राजवंशी, उपेंद्र यादव ,मिथिलेश यादव ,गुड्डू राजवंशी, मुसाफिर राजवंशी,सुंदर राजवंशी ,अमरजीत राजवंशी, बंटी कुमार, सुधीर कुमार ,राजवंशी चौधरी कारु राजवंशी, रंजीत कुमार धुरी यादव, अरुण यादव, पंकज यादव ,रामचंद्र यादव, प्रमोद प्रसाद,किशोरी राजवंशी, सत्येंद्र यादव ,आशा देवी, सोना देवी, तेतरी देवी ,इंदु देवी, रीता देवी ,सुलेखा देवी,आरती देवी,साधना देवी, साधना देवी चिंता देवी, रिंकू देवी, लालती देवी, सारो देवी ,काजल कुमारी करिश्मा कुमारी, गुड़िया देवी,पुतुल देवी,जनक देवी, रूपा देवी सहित अन्य लोग उपस्थित थे







 

राजगीर में वन विभाग के अधिकारियों पर तानाशाही और भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए वन श्रमिक अपने-अपने कामों को बंद कर गए अनिश्चितकालीन हड़ताल पर राजगीर में वन विभाग के अधिकारियों पर तानाशाही और भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए वन श्रमिक अपने-अपने कामों को बंद कर गए अनिश्चितकालीन हड़ताल पर Reviewed by News Bihar Tak on August 24, 2022 Rating: 5

No comments:

Subscribe Us

Powered by Blogger.