पर्यटन स्थल राजगीर के शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में सोमवार से शुरू हुआ शारदीय नवरात्र,मां शैलपुत्री की पूजा के साथ हुई कलश स्थापना
पर्यटन स्थल राजगीर के शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में सोमवार से शारदीय का त्यौहार शुरू हो गया है, इसके साथ ही मां शैलपुत्री की पूजा के साथ कलश का स्थापना भी किया गया है,आपको बताते चलें कि नवरात्रि के नौ दिन नौ अलग अलग देवियों की पूजा की जाती है,और पहले दिन आज मां शैलपुत्री की पूजा की गई है,
इस अवसर पर पंडित स्वामी सालिग्रामा आचार्य ने बताया कि मां
दुर्गा की पूजा आराधना के सबसे पवित्र 9 दिन यानी नवरात आज से शुरू हो चुकी है,सनातन धर्म के अनुसार घरों एवं मंदिरों और पूजा पंडालों में कलश स्थापना के साथ मां दुर्गा को आमंत्रित किया जाता है,उसके बाद नवरात्रि के नौ दिन नौ अलग अलग देवियों की पूजा की जाती है,उनहोंने कहा की पहले दिन मां शैलपुत्री की पूजा की जाएगी,मां शैलपुत्री को लाल रंग बहुत प्रिय है,ऐसे में उन्हें लाल रंग की चुनरी, नारियल और मीठा पान भेंट कर सकते हैं,माना जाता है कि शैलपुत्री के पूजन से संतान वृद्धि और धन व ऐश्वर्य की शीघ्र प्राप्ति होती है,मां सबके लिए फलदायी हैं,
उनहोंने कहा की इस साल पूरे नौ दिनों के नवरात्र पड़ रहे हैं। नवरात्र के नौ दिनों में मां दुर्गा के नौ स्वरूपों शैलपुत्री, ब्रह्मचारिणी, चंद्रघंटा, कूष्मांडा, स्कंदमाता, कात्यायनी, कालरात्रि, महागौरी और सिद्धिदात्री माता की पूजा अर्चना की जाती है।उनहोंने कहा की मां दुर्गा को सर्वप्रथम शैलपुत्री के रूप में पूजा जाता है। हिमालय के वहां पुत्री के रूप में जन्म लेने के कारण उनका नामकरण हुआ शैलपुत्री। इनका वाहन वृषभ है, इसलिए यह देवी वृषारूढ़ा के नाम से भी जानी जाती हैं। इस देवी ने दाएं हाथ में त्रिशूल धारण कर रखा है और बाएं हाथ में कमल सुशोभित है। यही देवी प्रथम दुर्गा हैं। ये ही सती के नाम से भी जानी जाती हैं।
पर्यटन स्थल राजगीर के शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में सोमवार से शुरू हुआ शारदीय नवरात्र,मां शैलपुत्री की पूजा के साथ हुई कलश स्थापना
Reviewed by News Bihar Tak
on
September 26, 2022
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