नालंदा यूनिवर्सिटी में दो दिवसीय इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस बौद्ध धर्म एवं विश्व शांति के उपर आयोजित किया गया है,कई देशों के विद्वान हुए शामिल


सोसाइटी फॉर द एंपावरमेंट के द्वारा नालंदा यूनिवर्सिटी में इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस विषय बौद्ध धर्म एवं विश्व शांति के उपर आयोजित किया गया है।इसमें देश के अलग-अलग राज्यों के प्रतिनिधियों के साथ-साथ फ्रांस,अमेरिका थाईलैंड,कनाडा, नेपाल , भूटान, कंबोडिया ,मलेशिया, युएस,सहित अन्य देशों के प्रतिनिधि एवं कई विषयों के विद्वान शामिल हुए।इस इंटरनेशनल कांफ्रेंस का उद्घाटन सोसाइटी फॉर एम्पावरमेंट के अध्यक्ष प्रोफेसर सचिन्द्र नारायण, नालंदा यूनिवर्सिटी के कुलपति प्रोफेसर अभय कुमार सिंह, नव नालंदा महाविहार डीम्ड यूनिवर्सिटी के कुलपति प्रोफेसर आर एन प्रसाद ने दीप प्रज्वलित कर किया।

इस अवसर पर सोसाइटी फॉर एम्पावरमेंट के अध्यक्ष प्रोफेसर सचिन्द्र नारायण ने कहा कि विश्व में शांति के बीज प्रत्येक व्यक्ति के हृदय में मौजूद धार्मिकता में निहित हैं। ऐसे सदाचारी व्यक्तित्व से प्रबुद्ध समाज का विकास होता है। मूल्य प्रणाली वाली शिक्षा को इस प्रकार डिज़ाइन किया जाना चाहिए कि युवा मन में धार्मिकता का विकास हो। यही शिक्षा का मिशन होना चाहिए। दूसरे, नैतिक नेतृत्व के लिए सही काम करने और दूसरों को भी सही काम करने के लिए प्रभावित करने की प्रवृत्ति की आवश्यकता होती है। इस अवधि के दौरान, प्रति सप्ताह कम से कम एक घंटे नैतिक विज्ञान कक्षा के माध्यम से युवा दिमागों को उन्नत करना आवश्यक है जो उन्हें मानवता से प्यार करने के लिए प्रेरित करेगा जो संघर्ष मुक्त समाज के विकास की दिशा में एक बड़ा कदम होगा।

ऐसे प्रबुद्ध व्यक्ति निश्चित रूप से ग्रह में शांति और सद्भाव को बढ़ावा देंगे। उन्होंने कहा कि नालंदा, बोधगया की समृद्ध ऐतिहासिक परंपराएँ जहाँ भगवान बुद्ध को ज्ञान प्राप्त हुआ था और बिहार में अन्य आध्यात्मिक केंद्रों ने आधुनिक संदर्भ में, ज्ञान और कौशल उत्पन्न करने, साझा करने और प्रसारित करने के लिए एक नई रूपरेखा तैयार की।यह प्राचीन और आधुनिक सोच के संदर्भ में मानव कल्याण,विज्ञान, प्रौद्योगिकी,अर्थशास्त्र और आध्यात्मिकता को जोड़ने वाले दिमागों की एकता पर शोध करने के लिए राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय क्षेत्र के दिमागों के मिलन का स्थान है। उन्होंने कहा कि किसी राष्ट्र की समस्याओं को अब अकेले अकेले संतोषजनक ढंग से हल नहीं किया जा सकता है।बहुत कुछ अन्य देशों की रुचि, दृष्टिकोण और सहयोग पर निर्भर करता है।

विश्व की समस्याओं के प्रति सार्वभौमिक मानवीय दृष्टिकोण विश्व शांति का एकमात्र ठोस आधार प्रतीत होता है। उन्होंने कहा कि हम पहले बताई गई मान्यता से शुरू करते हैं कि सभी प्राणी सुख चाहते हैं और दुख नहीं चाहते। तब यह नैतिक रूप से गलत और व्यावहारिक रूप से नासमझी दोनों हो जाता है कि हम एक ही मानव परिवार के सदस्यों के रूप में अपने आस-पास के सभी लोगों की भावनाओं और आकांक्षाओं से बेपरवाह होकर केवल अपनी खुशी का पीछा करें। समझदारी इसी में है कि हम अपनी खुशी के लिए प्रयास करते समय दूसरों के बारे में भी सोचें। इससे जिसे मैं 'बुद्धिमान स्वार्थ' कहता हूं।वह आगे बढ़ेगा, जो उम्मीद है कि खुद को 'समझौता किए गए स्वार्थ'या इससे भी बेहतर, 'पारस्परिक हित' में बदल देगा। उन्होंने कहा कि बुद्ध किसी एक परिस्थिति तक सीमित नहीं हैं।वह हर किसी को मानवता के तहत मदद करने का संदेश देते हैं।

आज समाज की व्यवस्था बदल चुकी हैं।लेकिन भगवान बुद्ध का संदेश वही है और हमारे जीवन में उसका एक विशेष स्थान रहा है। उन्होंने कहा कि  जीवन में हजारों लड़ाइयां जीतने से बेहतर स्वयं पर विजय प्राप्त करना है।अगर यह कर लिया तो फिर जीत हमेशा तुम्हारी होगी। इसे तुमसे कोई नहीं छीन सकता। इस अवसर पर नालंदा यूनिवर्सिटी के कुलपति प्रोफेसर अभय कुमार सिंह ने कहा कि महात्मा गौतम बुद्ध बौद्ध धर्म के संस्थापक थे। उन्होंने अपने जीवन में हमेशा लोगों को अहिंसा और करुणा का भाव सिखाया।गौतम बुद्ध के अनमोल विचार व्यक्ति को जीवन में सफल और आगे बढ़ने की प्रेरणा देते हैं।

भारत समेत कई देशों में बौद्ध धर्म को मानने वाले लोग रहते हैं। यदि आप अपने जीवन में ज्ञान का प्रकाश चाहते हैं और जीवन को बेहतर तरीके से जीना चाहते हैं, तो महात्मा बुद्ध के अनमोल वचन को पढ़ें।उन्होंने बौद्ध धर्म से जुड़े विपासना को लेकर भी बताया।इस अवसर पर डॉ केके पांडे, डॉ सुजीत रंजन, डॉक्टर चंद्रकांत, प्रोफेसर शैलेंद्र सिन्हा, प्रोफेसर आर एन श्रीवास्तव, डाक्टर राजेश्वर मुखर्जी, डॉ अनुराग शर्मा, डॉ मुकेश कुमार वर्मा, प्रोफेसर श्रीकांत सिंह ,डॉ अजीत सक्सेना, डॉ एके पांडे, डाक्टर सुष्मिता, सहित अन्य लोग उपस्थित थे।








 

नालंदा यूनिवर्सिटी में दो दिवसीय इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस बौद्ध धर्म एवं विश्व शांति के उपर आयोजित किया गया है,कई देशों के विद्वान हुए शामिल नालंदा यूनिवर्सिटी में दो दिवसीय इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस बौद्ध धर्म एवं विश्व शांति के उपर आयोजित किया गया है,कई देशों के विद्वान हुए शामिल Reviewed by News Bihar Tak on November 04, 2023 Rating: 5

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