राजगीर में एनडीआरएफ के द्वारा भूकंप सुरक्षा एवं भगदड़ पर आधारित मॉक ड्रील का आयोजन किया गया,साथ ही भूकम्प आने पर अपनाये जाने वाले सुरक्षात्मक पहलूओं तथा रेस्पांस मैकेनिज्म को भी बताया गया तथा इसका अभ्यास भी करवाया गया

राजगीर में एनडीआरएफ के द्वारा भूकंप सुरक्षा एवं भगदड़ पर आधारित मॉक ड्रील का आयोजन किया गया,साथ ही भूकम्प आने पर अपनाये जाने वाले सुरक्षात्मक पहलूओं तथा रेस्पांस मैकेनिज्म को भी बताया गया तथा इसका अभ्यास भी करवाया गया


राजगीर।।

एनडीआरएफ के द्वारा एतिहासिक स्‍मारक स्थल जरासंध का अखाड़ा,के पास छात्रों एवं पर्यटको के बिच देश की आजादी के अमृत महोत्सव के तहत भूकंप एवं भगदड़ पर आधारित मॉक ड्रील का अभ्‍यास किया गया।और लोगों को जागरूक किया गया।जिसमे भूकंप एवं भगदड़ होने पर किस प्रकार सुरक्षात्मक सावधानी बरतनी चाहिए तथा आपदा के दौरान आपदा प्रबंधन समीति के अन्तर्गत गठित रेस्पांस टीमों के जिम्मेवारी एवम कार्यो को कुमार बालचन्द्र उप कमाण्डेंट की निगरानी में 9 वीं बटालियन एनडीआरएफ की टीम ने डेमों के माध्यम से बखूबी समझाया।


इस कार्यक्रम के दौरान छात्रो एवं पर्यटको ने बढ़-चढ़कर भाग लिया तथा लाभान्वित हुए।इस अवसर पर उप कमान्डेट कुमार बालचन्द्र ने बताया कि 9 बटालियन एनडीआरएफ की टीम द्वारा भूकम्प आने पर अपनाये जाने वाले सुरक्षात्मक पहलूओं तथा रेस्पांस मैकेनिज्म को भी बताया गया तथा इसका अभ्यास करवाया गया।उन्होंने बताया कि आपदा को रोका नहीं जा सकता लेकिन आपदा से पूर्व हमारी तैयारी, प्रशिक्षण तथा जागरूकता निश्चित तौर पर आपदा से होने वाले नुकसान को रोक सकता है।

और किसी भी प्रकार के आपदा आने पर घबड़ाये नहीं बल्कि सूझबूझ के साथ अपनी जिम्मेदारियों को निभाये।उन्‍होने बताया कि सर्वप्रथम डेमो के माध्यम से आपदा प्रबंधन के विभिन्न पहलूओं की जानकारियों दी गई। तत्पश्चात घायलों को अस्पताल पूर्व चिकित्सा के विभिन्न पहलूओं जैसे रक्तश्राव नियंत्रण तकनीक, हृदयाघात तुरन्त बाद दी जाने वाली प्राथमिक उपचार  हडडी टूटने के बाद प्राथमिक उपचार के तौर पर खपच्ची लगाने की तकनीक तथा घायलों को ले जाने की अलग-अलग तरीकों पर प्रशिक्षण दिया गया। साथ ही, छात्रों से इस उपयोगी प्रशिक्षण का अभ्यास भी करवाया गया। फिर स्टम्पैड होने पर क्या कारवाही करनी चाहिए उस पर एक डेमो देकर बताया गया कि इस तरह के आपदा के दौरान किस तरह से सुरक्षा उपाय अपनाना चाहिए और इससे होने वाले नुकसान को कैसे कम किया जाये,एवं साथ ही एनडीआरएफ द्वारा आपदा प्रबंधन उपकरणों का एक भव्य प्रदर्शनी का आयोजन किया गया है।

इस अवसर पर हरविन्‍दर सिंह,कार्यवाहक कमाण्‍डेंट 9 बटालियन एनडीआरएफ ने बताया कि विभिन्न प्रकार के आपदाओं में जोखिम को कम करने के लिए आवश्यक है कि आपदा प्रबंधन तैयारी तथा कार्यवाही योजनाओं को सुचारू रूप से तैयार किया जाए तथा इसे अमल में लाया जाए,उन्होने कहा की आपदा प्रबंधन के क्षेत्र में बिहार के नागरिक व  छात्रों को जागरूक करने के दिशा में 9 बटालियन एनडीआरएफ द्वारा लगातार इस प्रकार के अभ्यास किए जा रहे है ।वंही इस अवसर पर भूकंप सुरक्षा एवं भगदड़ पर आधारित मॉक ड्रील के दौरान किए जाने वाले निष्काषन ड्रिल का आयोजन भी किया गया।इस अवसर एनडीआरएफ के  निरीक्षक दीपक कुमार गुप्‍ता, एसडीयो अनीता सिन्हा,निरीक्षक अविनाश कुमार,बिडीयो मिथलेश बिहारी वर्मा, रेंजर अमृतधारी सिंह, सीओ संतोष कुमार चौधरी,सहित कई प्रशासनिक पदाधिकारी एवं कई विद्यालय के छात्र -छात्राएं और काफी संख्या में पर्यटक भी उपस्थित हुए।

राजगीर में एनडीआरएफ के द्वारा भूकंप सुरक्षा एवं भगदड़ पर आधारित मॉक ड्रील का आयोजन किया गया,साथ ही भूकम्प आने पर अपनाये जाने वाले सुरक्षात्मक पहलूओं तथा रेस्पांस मैकेनिज्म को भी बताया गया तथा इसका अभ्यास भी करवाया गया राजगीर में एनडीआरएफ के द्वारा भूकंप सुरक्षा एवं भगदड़ पर आधारित मॉक ड्रील का आयोजन किया गया,साथ ही भूकम्प आने पर अपनाये जाने वाले सुरक्षात्मक पहलूओं तथा रेस्पांस मैकेनिज्म को भी बताया गया तथा इसका अभ्यास भी करवाया गया Reviewed by News Bihar Tak on December 15, 2021 Rating: 5

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