भारतीय बौद्ध महासभा के द्वारा राजगीर में बौद्ध धम्म दीक्षा समारोह का आयोजन किया गया है,बाबा साहब भीमराव अंबेडकर के पौत्र व भारतीय बौद्ध महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष डाक्टर राजरत्न आंबेडकर ने कहा:बाबा साहेब के द्वारा जो संविधान 1950 में बनाया गया है,वह संविधान को लोग मिटाने पर तुले हुए हैं
भारतीय बौद्ध महासभा के द्वारा राजगीर में बौद्ध धम्म दीक्षा समारोह का आयोजन किया गया है,बाबा साहब भीमराव अंबेडकर के पौत्र व भारतीय बौद्ध महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष डाक्टर राजरत्न आंबेडकर ने कहा:बाबा साहेब के द्वारा जो संविधान 1950 में बनाया गया है,वह संविधान को लोग मिटाने पर तुले हुए हैं
राजगीर।।
भारतीय बौद्ध महासभा के द्वारा राजगीर में बौद्ध धम्म दीक्षा समारोह का आयोजन किया गया है,जिसका उद्घाटन बाबा साहब भीमराव अंबेडकर के पौत्र एवं भारतीय बौद्ध महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष डाक्टर राजरत्न आंबेडकर ने किया।इस अवसर पर बाबा साहब डॉक्टर भीमराव अंबेडकर के पौत्र एवं भारतीय बौद्ध महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष डाक्टर राजरत्न आंबेडकर ने कहा की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी संसद भवन में नया संविधान बनाना चाहते है।बाबा साहब भीमराव अंबेडकर के संविधान को उस वक्त महात्मा गांधी विरोध करते थे।और अभी मौजूदा देश का प्रधानमंत्री। गांधी और मोदी दोनो एक ही सिक्के के पहलू है,बाबा साहब के द्वारा बनाए संविधान को यह लोग खत्म करना चाहते हैं।उनके सविधान को यह लोग ठीक तरह से लागू नहीं करना चाहते हैं।यह लोग हम लोगों का विकास नहीं देखना चाहते हैं।उन्होने कहा की बाबा साहेब ने बौद्ध धर्म मार्ग हमें दिया है, इसे अपनाकर ही पूरे विश्व में मान सम्मान पाया जा सकता हैं,बौद्ध धर्म मानने वाले लोगो को दुनिया भर में में पूज्नीय माने जाते हैं ,बौद्ध धर्म कोई जाति नहीं बल्कि सभी समाज का समावेश है। इसे अपनाकर ही अपनी पीढ़ियों को आगे बढ़ा सकते हैं। उन्होंने कहा कि हम इन लोगों का गलत नीति को भारतीय बौद्ध महासभा कभी बर्दाश्त नहीं करेगा।उन्होने कह् की आज स्वर्ण एवं ब्राह्मणवादी व्यवस्था देश में प्रतिनिधित्व कर रहा है जिससे लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि आज ब्राह्मणवादी व्यवस्था आपकी पूंजी को खींचकर ले जाने का काम कर रही है।
डॉक्टर राजरत्न अंबेडकर ने कहा कि बाबा साहेब के द्वारा जो संविधान 1950 में बनाया गया है,वह संविधान को यह लोग मिटाने पर तुले हुए हैं। बाबा साहेब के बताए हुए विचारों को आज अनुकरण करने की जरूरत है।बाबा साहब कहते थे हमें पैसा नहीं लोगों की इज्जत प्यारी है,आज देखा जाए तो अंग्रेज देश को छोड़ कर चले गए परंतु आज देश में सवर्ण एवं ब्राह्मणवादी व्यवस्था कायम है जिससे लोग त्रस्त है।उन्होंने कहा कि बाबा साहेब मरी हुई कौम को जिंदा करने का काम किया है, जहां लोग मंदिर में नहीं जाते थे, जहां एक दूसरे के हाथों से पानी नहीं पीते थे ,एक दूसरे को बैठने में अछूता समझते थे आज उन्हीं का देन है कि आज हम लोग कंधे से कंधा मिलाकर चल रहे हैं।यह बाबा साहेब का देन है।
उन्होंने कहां की बौद्ध धर्म के विचारों पर चलने वाले लोगों के लिए पूरे देश में स्वतंत्र व्यवस्था बनाई जा रही है। इतने वर्षों तक हिंदुओं में कोई बदलाव नहीं आया है, आज लोगों में भेदभाव बनी हुई है,उन्होंने कहा की सभी मनुष्य एक समान है आज देखा जाए तो 128 देश के लोग भारतीय बौद्ध धर्म के समर्थक हैं।वंही डॉक्टर राजरत्न आंबेडकर ने लोगों को जागरूक करते हुए बौद्ध धर्म की दीक्षा को लेकर शपथ दिलाई।इस अवसर पर भारतीय बौद्ध महासभा के प्रदेश अध्यक्ष उज्जवल कांत हुंकार, जिला प्रभारी अनिल पासवान, प्रशांत कुमार, अमित कुमार पासवान ,छोटेलाल गौतम, फेकू रविदास, गणेश गौतम, बालेश्वर राजवंशी उर्फ कारू, मनोहर कुमार चौधरी, संपत्ति राजवंशी, श्यामदेव राजवंशी,उमराव प्रसाद निर्मल, मुखिया मंजू देवी सहित अन्य लोग उपस्थीत थे।
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