राजगीर गुरु नानक शीतल कुंड मे गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी तखत श्री हरमंदिर जी पटना साहिब की ओर से फौजी बाबा अजयव सिंह जी का पांचवा वरसी मनाया गया,कथावाचक ज्ञानी दलजीत सिंह ने कहा:नानक जी ने मनुष्यों में जाति, धर्म, प्रांत से परे होकर एकसाथ भोजन करने की परंपरा को आगे बढ़ाया
राजगीर गुरु नानक शीतल कुंड मे गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी तखत श्री हरमंदिर जी पटना साहिब की ओर से फौजी बाबा अजयव सिंह जी का पांचवा वरसी मनाया गया,कथावाचक ज्ञानी दलजीत सिंह ने कहा:नानक जी ने मनुष्यों में जाति, धर्म, प्रांत से परे होकर एकसाथ भोजन करने की परंपरा को आगे बढ़ाया
राजगीर।।
राजगीर गुरु नानक शीतल कुंड मे गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी तखत श्री हरमंदिर जी पटना साहिब की ओर से फौजी बाबा अजयव सिंह जी का पांचवा वरसी मनाया गया,इस मौके पर कई आयोजन किए गए।जिसमें सिख श्रद्धालु शामिल हुए।इस मौके पर हजूरी रागी जत्था जोगेंद्र सिंह, रंजीत सिंह और हरपाल सिंह के द्वारा भजन कीर्तन की प्रस्तुति की गई।और कथावाचक ज्ञानी दलजीत सिंह के द्वारा गुरु नानक देव जी महाराज और फौजी बाबा अजायव सिंह के ऊपर प्रकाश डाला।उन्होने कहा गुरु नानक जी की तीन बड़ी शिक्षा खुशहाली से जीने का मंत्र देती हैं। ये शिक्षा है- नाम जपो, किरत करो और वंड छको। यह सीखें कर्म से जुड़ी हुई हैं। कर्म में श्रेष्ठता लाने की ओर ले जाती हैं। यानी मन को मजबूत, कर्म को ईमानदार और कर्मफल के सही इस्तेमाल की सीख देती हैं।ये एकाग्रता-परोपकार की ओर भी ले जाती हैं।उन्होने कहा की गुरु नानक जी की शिक्षा का मूल निचोड़ यही है कि परमात्मा एक, अनन्त, सर्वशक्तिमान और सत्य है।वह सर्वत्र व्याप्त है। गुरु नानक की वाणी भक्ति, ज्ञान और वैराग्य से ओत−प्रोत है।उन्होने कहा की नानक जी ने मनुष्यों में जाति, धर्म, प्रांत से परे होकर एकसाथ भोजन करने की परंपरा को आगे बढ़ाया और इसी तरह से गुरु के लंगर की परंपरा शुरू हुई।
इसीलिए बिना भय के किरत करो, वंड छको और नाम जपो’ की शिक्षा दी।उन्होने कहा की गुरु नानक देव ने मानव जाति के भाईचारे और भगवान के पितात्व का दृढ़ता से प्रचार किया।उनका सार्वभौमिक संदेश शांति, प्रेम, एकता,आपसी सम्मान, मानव जाति के लिए सेवा और समर्पण है। उसने लोगों को हिंसा से शांति की ओर मोड़ दिया दयालु प्राणियों में अत्याचारी परिवर्तित और दर्दनाक समाजों को आनंदित समुदायों में बदल दिया।उन्होने कहा की उसमें नानक देव के उपदेश अधिक प्रासंगिक हैं।यदि लोग उनके उपदेशों को हृदय से स्वीकार करें, तो अनेक जटिल समस्याएं सहज ही दूर हो जाएंगी।उन्होंने कहा कि फौजी बाबा अजयव सिंह जी ने राजगीर गुरुद्वारा के सेवा में पूरा जीवन गुजार दिया था।इस मौके पर,गुरुद्वारा के ग्रंथी मंजित सिंह, छोटे सिंह,गुरविंदर सिंह, सहित अन्य लोग उपस्थित थे।इस अवसर पर लंगर आयोजित किया गया जिसमें श्रद्धालुओं ने लंगर का प्रसाद चखा।
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