स्वामी विवेकानंद जी के जयंती के मौके सोशल रिफॉर्म्स एंड रिसर्च आर्गेनाइजेशन के द्वारा विश्व धर्म संवाद का आयोजन किया,आचार्य लोकेशजी ने कहा:स्वामी विवेकानंद के बताये मार्ग पर चलने से देश की एकता अखंडता व सामाजिक समरसता मज़बूत होगी

स्वामी विवेकानंद जी के जयंती के मौके सोशल रिफॉर्म्स एंड रिसर्च आर्गेनाइजेशन के द्वारा विश्व धर्म संवाद का आयोजन किया,आचार्य लोकेशजी ने कहा:स्वामी विवेकानंद के बताये मार्ग पर चलने से देश की एकता अखंडता व सामाजिक समरसता मज़बूत होगी 


दिल्ली।।

स्वामी विवेकानंद के जन्मदिवस को भारत सरकार ‘युवा दिवस’ के रूप मनाती है। इस दौरान देश-विदेश में कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। इस वर्ष दिल्ली में स्वामी विवेकानंद के जन्मदिन के अवसर पर ‘सोशल रिफॉर्म्स एंड रिसर्च आर्गेनाइजेशन’ ने ‘विश्व धर्म संवाद’ का आयोजन किया। विश्व धर्म संवाद में हिंदू, सिख, जैन, मुस्लिम, यहूदी और बहाई धर्म के धर्मगुरुओं ने हिस्सा लिया।जब भी देश-विदेश में धर्मों के बीच संकीर्णता, समाज में सांप्रदायिकता, ऊंच-नीच और नस्लीय भेदभाव की बात सामने आती है तब इसके समाधान के लिए सबकी जुबान पर स्वामी विवेकानंद का नाम आता है। ऐसा इसलिए क्योंकि 1893 में अमेरिका के शिकागो शहर में आयोजित विश्व धर्म सम्मेलन में स्वामी विवेकानंद ने सभी धर्मों को बराबर बताते हुए धार्मिक संकीर्णता को छोड़ते हुए आपसी संवाद पर जोर दिया था।सर्वप्रथम मुख्य अतिथि, स्वामी राघवानंद जी ने “द्वितीय विश्व धर्म संवाद” को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि धर्म दो अलग-अलग समुदाय के संस्कारों को एक साथ लाता है। आज समस्या यह है कि भगवान को सब मानते हैं, लेकिन भगवान की कही बातों को कोई नहीं मानता। वेद, कुरान, बाइबिल, तोरा को सब मानते हैं लेकिन उसकी सीख का पालन कोई नहीं करता।


इस अवसर पर विश्व शांतिदूत आचार्य डॉ लोकेशजी ने कहा स्वामी विवेकानंद जी ने अल्पायु में धर्म, दर्शन, जीवन, विश्व बंधुत्व जैसे विषयों पर महारत हासिल करने के साथ जो संदेश दिए वे आज भी मानवता के कल्याण की राह दिखाते हैं। उन्होंने कहा कि स्वामी विवेकानंद जी के बताये मार्ग पर चलने से देश की एकता अखंडता व सामाजिक सौहार्द मज़बूत होगा।इस अवसर पर साहिब ज्ञानी रणजीत सिंह जी ने कहा कि, “भारत में गुलदस्ते के फूलों की तरह अलग-अलग धर्मों के लोग एक साथ रहते हैं। हमें सभी धर्मों का आदर करना चाहिये। इंसान की समस्या का हल संवाद से होगा हथियार से नहीं।” वही अमेरिका के राष्ट्रपति जी का जिक्र करते हुए सिंह साहिब ज्ञानी रणजीत सिंह जी ने कहा की अमेरिका भी सिख धर्म के सेवा भाव को प्रमुख्ता देता है और सिख धर्म के लंगर सेवा को पूरी दुनिया में सराहा जाता है।इस अवसर पर रब्बी ईजेकील इसहाक मालेकर ने स्वामी विवेकानंद को याद करते हुए कहा कि मंदिर में फूल चढ़ाने से पहले मन को महकाना जरूरी है। मंदिर में दीप जलाने के पहले घर में दीप जलाना सुनिश्चित होना चाहिए। किसी का दिल दुखाना सबसे बड़ा अधर्म है। हमें अपनी पहचान धर्म नहीं भारतीयता की सर्वोपरि रखनी होगी। इसके साथ ही हमें पर्यावरण की सुरक्षा का भी ध्यान रखना होगा।इस अवसर आर्य समाज के विनय आर्य ने कहा कि,धर्म कभी मिट नहीं सकता है। अधर्म खत्म होता है। दूसरे के सुख को सुख औऱ दूसरे के दुख को दुख समझेंगे तभी मानवता का कल्याण होगा।इस अवसर पर श्रीमती शिप्रा उपाध्याय जी ने कोरोना काल में विश्व धर्म संवाद के आयोजन की बधाई देते हुये कहा कि गरीबों की सेवा ही सबसे बड़ा धर्म है। उन्होंने शिक्षा में सुधार पर बल दिया।इस अवसर पर ब्रह्मकुमारी सपना दीदी ने कहा स्वामी विवेकानंद जी की जयंती पर विश्व धर्म संवाद का आयोजन संसार में निहित सभी धर्म,पंथ,संप्रदाय मानवमात्र को, इस प्रकृति को, शांति के मार्ग पर साथ लेकर , आत्मकल्याण की प्रेरणा देते हुए, इस धरती के रक्षण और संवर्धन के लिए, पर्यावरण संरक्षण के लिए प्रोत्साहित करेगा। इस अवसर पर आर्चबिशप अनिल कुटो जी ने कहा पूरे विश्व में विभिन्न धर्म,पंथ सम्प्रदायों को मानने वाले सभी मनुष्य आध्यात्मिक चेतना के मार्ग पर चल कर ही, समूर्ण विश्व को शांति, आपसी सदभाव और प्रकृति प्रेम की ओर ले जा सकते हैं।हमारा मानना है कि संसार के सभी धर्मों एवं सम्प्रदायों के मूल में शांति, सेवा और प्रकृति संरक्षण की भावना निहित है I इस अवसर पर मौलाना सैयद हसन इमाम आबिदी ने कहा कि “धर्म अलग हो सकते हैं, जाति अलग हो सकती है पर इंसानियत का धर्म सबसे बड़ा है वो कभी अलग नहीं हो सकता है।इस अवसर पर अमेरिका से भाई साहब सतपाल सिंह जी एवं रीलिजन वर्ल्ड के संस्थापक श्री भव्य श्रीवास्तव ने भी स्वामी विवेकानंद जयंती पर शुभकामनाएं देते हुए उनके जीवन से संबंधित प्रेरक प्रसंग सुनाया।

मौके पर प्रदीप भैया जी महाराज ने कहा कि धर्म ही सत्य है और सब अपने-अपने हिस्से की लड़ाई लड़ रहे हैं। हमने विश्व को बुद्ध दिया और विश्व ने युद्ध दिया।श्री प्रदीप भैया जी महाराज ने आगे कहा संवाद की क्षमता ने हीं वैश्विक मानव जगत को गुफा से ग्लोबलाइजेशन तक पहुंचाया है।और आने वाले समय में संवाद से ही सब कुछ होगा , और इसमें विश्व धर्म संवाद की मुख्य भूमिका होगी। वंही कार्यक्रम के संयोजक प्रमोद कुमार ने उपस्थित अतिथियों का स्वागत करते हुये कहा कि हम अगले वर्ष यानी 12 जनवरी 2023 को विशाल विश्व धर्म संवाद आयोजित करेंगे। पुरे कार्यकर्म को लाइव प्रसारण करने में विश्व धर्म संवाद के उपाध्यक्ष डॉ महेश चौधरी की अहम भूमिका रही , कार्यक्रम का संचालन वरिष्ठ पत्रकार कात्यायनी चतुर्वेदी ने किया।

स्वामी विवेकानंद जी के जयंती के मौके सोशल रिफॉर्म्स एंड रिसर्च आर्गेनाइजेशन के द्वारा विश्व धर्म संवाद का आयोजन किया,आचार्य लोकेशजी ने कहा:स्वामी विवेकानंद के बताये मार्ग पर चलने से देश की एकता अखंडता व सामाजिक समरसता मज़बूत होगी स्वामी विवेकानंद जी के जयंती के मौके सोशल रिफॉर्म्स एंड रिसर्च आर्गेनाइजेशन के द्वारा विश्व धर्म संवाद का आयोजन किया,आचार्य लोकेशजी ने कहा:स्वामी विवेकानंद के बताये मार्ग पर चलने से देश की एकता अखंडता व सामाजिक समरसता मज़बूत होगी Reviewed by News Bihar Tak on January 13, 2022 Rating: 5

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