पर्यटन विभाग भारत सरकार एवं एबीटीओ के द्वारा राजगीर इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर को विश्व पर्यटन दिवस समारोह आयोजित किया गया- देशी एवं विदेशी प्रतिनिधि हुए शामिल


पर्यटन विभाग भारत सरकार एवं एबीटीओ के द्वारा राजगीर इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर में विश्व पर्यटन दिवस समारोह आयोजित किया गया। कार्यक्रम का उद्घाटन पर्यटन विभाग भारत सरकार के रीजनल डायरेक्टर प्रणव प्रकाश, पर्यटन एसोसिएशन ऑफ नेपाल के प्रेसिडेंट मोहन प्रसाद शर्मा,एबीटीओ के सेक्रेटरी डाक्टर कौलेश कुमार ,चीनी बौद्ध मंदिर, नालंदा के भिक्षु-प्रभारी डॉ. धम्मरत्न ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर किया।कार्यक्रम में लाओस, वियतनाम, कंबोडिया, थाईलैंड, नेपाल, भूटान सहित देश के 19 राज्यों से आए टुरिज्म से जुड़े प्रतिनिधि एवं टूर ऑपरेटर एसोसिएशन, होटल एसोसिएशन एवं सहर के प्रबुद्ध लोग शामिल हुए।

इस अवसर पर पर्यटन विभाग भारत सरकार के रीजनल डायरेक्टर प्रणव प्रकाश ने कहा कि मैं आज राजगीर इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर में विश्व पर्यटन दिवस समारोह में उपस्थित होकर अत्यंत गौरवान्वित महसूस कर रहा हूँ। पर्यटन और शांति का संबंध अत्यंत प्रासंगिक है। क्योंकि पर्यटन केवल यात्रा या मनोरंजन का साधन नहीं, बल्कि यह संस्कृतियों को जोड़ने, आपसी समझ बढ़ाने और वैश्विक शांति का सेतु बनाने का माध्यम है। उन्होंने कहा कि भारत विविधताओं का देश है और पर्यटन इसकी आत्मा है। बिहार, विशेषकर राजगीर, बोधगया और नालंदा, न केवल धार्मिक दृष्टि से बल्कि सांस्कृतिक और ऐतिहासिक दृष्टि से भी अपार महत्व रखते हैं। यहाँ बुद्ध, महावीर और मगध साम्राज्य की विरासत आज भी जीवंत है।

यही कारण है कि बिहार विश्व पर्यटन मानचित्र पर एक विशिष्ट स्थान रखता है। उन्होंने कहा कि पर्यटन उद्योग आज विश्व अर्थव्यवस्था का एक बड़ा स्तंभ बन चुका है। यह करोड़ों लोगों को आजीविका प्रदान करता है और स्थानीय समाज को आर्थिक रूप से सशक्त करता है। हमारा प्रयास है कि भारत सरकार की नीतियों और योजनाओं के माध्यम से बिहार जैसे राज्यों में पर्यटन का बुनियादी ढाँचा मजबूत किया जाए। आधुनिक परिवहन, सुरक्षित आवागमन, स्वच्छता, सूचना केंद्र और डिजिटल प्रमोशन के जरिए यहाँ आने वाले पर्यटकों को विश्वस्तरीय सुविधाएँ उपलब्ध कराई जाएँ।

उन्होंने कहा कि राजगीर में आज जो विकास कार्य हो रहे हैं।जैसे ग्लास ब्रिज, नेचर सफारी, नया रोपवे और इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर ये सभी पर्यटन को नई ऊँचाइयों पर ले जाएंगे। इन प्रयासों से न केवल घरेलू पर्यटक आकर्षित होंगे, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी बिहार की पहचान मजबूत होगी।मुझे प्रसन्नता है कि नेपाल सहित देश के विभिन्न राज्यों से आए टूर ऑपरेटर, होटल संघ और पर्यटन विशेषज्ञ आज यहाँ एकत्रित हुए हैं। यह सहभागिता इस बात का संकेत है कि पर्यटन सहयोग और साझेदारी से ही आगे बढ़ेगा। भारत और नेपाल जैसे पड़ोसी देशों के बीच बौद्ध सर्किट को और सशक्त बनाने की अपार संभावनाएँ हैं। उन्होंने कहा कि कहा भारत सरकार और राज्य सरकार पर्यटन स्थल के बिकास के लिए यहां पुरी तरह काम कर रही है। इस अवसर पर पर्यटन एसोसिएशन ऑफ नेपाल के प्रेसिडेंट मोहन प्रसाद शर्मा राजगीर की पावन धरती पर विश्व पर्यटन दिवस समारोह में शामिल होकर अत्यंत प्रसन्न हूँ। भारत और नेपाल के बीच ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और धार्मिक संबंध बहुत गहरे हैं। विशेष रूप से बौद्ध धर्म ने दोनों देशों को एक आध्यात्मिक सूत्र में बाँधा है। राजगीर, बोधगया और नालंदा जैसे स्थल हमारे लिए उतने ही पवित्र हैं जितना नेपाल का लुंबिनी। यदि इन धरोहरों को एक साझा बौद्ध सर्किट के रूप में विकसित किया जाए तो यह न केवल दोनों देशों की अर्थव्यवस्था को सशक्त करेगा बल्कि पूरी दुनिया के बौद्ध अनुयायियों के लिए एक तीर्थ यात्रा का मार्ग बनेगा। उन्होंने कहा कि नेपाल और भारत की साझेदारी पर्यटन क्षेत्र में नए अवसर खोलेगी।

मुझे विश्वास है कि आने वाले वर्षों में हमारे संयुक्त प्रयासों से एशिया ही नहीं बल्कि विश्व स्तर पर शांति, सहयोग और सांस्कृतिक संवाद का सशक्त संदेश जाएगा।इस अवसर पर एबीटीओ के सेक्रेटरी डाक्टर कौलेश कुमार ने कहा कि पर्यटन केवल यात्राओं तक सीमित नहीं है, बल्कि यह समाज और अर्थव्यवस्था को नई दिशा देने वाला उद्योग है। बिहार विशेषकर राजगीर, नालंदा और बोधगया धार्मिक व सांस्कृतिक धरोहरों से समृद्ध है, जिसे विश्व स्तर पर पहचान दिलाने की आवश्यकता है। कोविड महामारी के दौरान पर्यटन क्षेत्र को भारी क्षति पहुँची, लेकिन अब हमारे पास नए अवसर हैं। उन्होंने कहा कि जरूरत है कि हम बुनियादी ढाँचे को मजबूत करें, आधुनिक सुविधाएँ उपलब्ध कराएँ और स्थानीय युवाओं को प्रशिक्षण देकर रोजगार से जोड़ें। होटल, परिवहन, गाइड और हस्तशिल्प के क्षेत्र में अपार संभावनाएँ हैं। यदि सरकार, निजी क्षेत्र और अंतरराष्ट्रीय सहयोग मिलकर कार्य करें तो बिहार आने वाले वर्षों में वैश्विक पर्यटन का प्रमुख केंद्र बन सकता है।

इस अवसर पर चीनी बौद्ध मंदिर, नालंदा के भिक्षु-प्रभारी डॉ. धम्मरत्न ने कहा कि बिहार, विशेषकर राजगीर और नालंदा, बौद्ध धर्म की जीवंत धरोहर हैं। यह भूमि भगवान बुद्ध की शिक्षाओं और करुणा का संदेश पूरी दुनिया तक पहुँचाती है। यहाँ आने वाले पर्यटक केवल दर्शक नहीं रहते, बल्कि आस्था और शांति का अनुभव करते हैं। पर्यटन के माध्यम से हम वैश्विक स्तर पर मैत्री, करुणा और भाईचारे का संदेश फैला सकते हैं।इस अवसर पर नगर परिषद के उपाध्यक्ष मुन्नी देवी, पांडू पोखर के प्रबंधक प्रभाष शाह,डाक्टर अनिल कुमार, श्यामदेव राजवंशी,प्रविण सिंह,प्रोफेसर रवि आनंद, प्रवीण कुमार, के.एन. झा ,राजेश कुमार,अनिल मिढा, उमराव प्रसाद निर्मल, मन्नु प्रसाद, अमीत कुमार,हिमानी अरोड़ा, नीतू रानी, गीता बिष्ट, वैशाली विद्या, योगिता, स्मिता मोदी, मृत्युंजय कुमार, प्रज्ञानंद मेहता , विजय चौधरी मदन प्रसाद सहित अन्य लोग उपस्थित थे।

विश्व पर्यटन दिवस समारोह के मौके पर कला संस्कृति विभाग से जुड़े सवेरा कला केन्द्र पटना के कलाकारों के द्वारा बिहार की पारंपरिक संस्कृति की झलक प्रस्तुत की गई। महिला एवं पुरुष कलाकारों ने मनमोहक लोकनृत्यों की शानदार प्रस्तुति देकर दर्शकों का दिल जीत लिया। छठ पूजा पर आधारित लोक नृत्य विशेष आकर्षण का केंद्र रहा, जिसने सभी को आस्था और लोक संस्कृति से जोड़ दिया। इसके अलावा पारंपरिक लोकनृत्य की विविध प्रस्तुतियों ने समारोह को और भव्य बना दिया। सांस्कृतिक कार्यक्रमों ने बिहार की लोक परंपरा, कला और समृद्ध संस्कृति का जीवंत प्रदर्शन किया।

पर्यटन विभाग भारत सरकार एवं एबीटीओ के द्वारा राजगीर इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर को विश्व पर्यटन दिवस समारोह आयोजित किया गया- देशी एवं विदेशी प्रतिनिधि हुए शामिल पर्यटन विभाग भारत सरकार एवं एबीटीओ के द्वारा राजगीर इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर को विश्व पर्यटन दिवस समारोह आयोजित किया गया- देशी एवं विदेशी प्रतिनिधि हुए शामिल Reviewed by News Bihar Tak on September 27, 2025 Rating: 5

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