केंद्रीय विदेश एवं शिक्षा राज्यमंत्री डॉ.राजकुमार रंजन सिंह नालंदा विश्वविद्यालय में नवनिर्मित टीचिंग ब्लॉक का किया उद्घाटन, मंत्री ने कहा नालंदा विश्वविद्यालय जैसी ज्ञान की संस्थाएँ वर्तमान समय में हमारे अंतर-संबंधों और समझ को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती हैं
केंद्रीय विदेश एवं शिक्षा राज्यमंत्री डॉ.राजकुमार रंजन सिंह नालंदा विश्वविद्यालय में नवनिर्मित टीचिंग ब्लॉक का किया उद्घाटन, मंत्री ने कहा नालंदा विश्वविद्यालय जैसी ज्ञान की संस्थाएँ वर्तमान समय में हमारे अंतर-संबंधों और समझ को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती हैं
राजगीर।।
केंद्रीय विदेश एवं शिक्षा राज्यमंत्री डॉ. राजकुमार रंजन सिंह नालंदा विश्वविद्यालय के दौरे पर हैं। और अपनी यात्रा के दौरान उन्होने नालंदा विश्वविद्यालय के नवनिर्मित टीचिंग ब्लॉक का उद्घाटन किया। कुलपति प्रो.सुनैना सिंह ने उन्हे विश्वविद्यालय की शैक्षणिक गतिविधियों और विकास कार्यों से अवगत कराया ।इस मौके उन्होंने विश्वविद्यालय परिसर के निर्माण में प्राचीन नालंदा की वास्तु शैली के समन्वय की सराहना करते हुए हरित परिसर, जल संसाधन मितव्ययिता,वर्षा जल-संचय और नेट-जीरो जैसे प्रयोगों की भी सराहना की। उन्होंने आशा व्यक्त की कि नालंदा परिवार विश्व शांति सद्भाव की स्थापना में महत्वपूर्ण योगदान प्रदान करेगा।
मंत्री ने अपने सम्बोधन में बताया कि नालंदा जैसी ज्ञान की संस्थाएँ वर्तमान समय में हमारे अंतर-संबंधों और समझ को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती हैं। नालंदा विश्वविद्यालय "समावेश, सद्भाव, शांति, ज्ञान, प्रेरणा, रचनात्मकता और नवाचार" के प्रतीक के रूप में अपना स्थान बना रहा है। उन्होंने कहा कि विभिन्न देशों के छात्रों की भागीदारी नालंदा के समावेशी अनुभव को समृद्ध करती है जिसका उपयोग मानवता की समृद्धि लिए एक 'नौलेज ईको सिस्टम' को विकसित करने के लिए किया जा सकता है। विगत वर्षों में नालंदा विश्वविद्यालय की शैक्षणिक उपलब्धियों और निर्माण कार्यों की प्रगति पर एक प्रेजेंटेशन के माध्यम से मंत्री को अवगत कराया। उन्होने युवाओं के भविष्य को आकार देने में इसकी महत्वपूर्ण भूमिका के बारे में बताया। शिक्षा के उद्देश्यों की चर्चा करते हुए कुलपति ने कहा कि हमारे नालंदा की शिक्षण पद्धति में भारत की प्राचीन ज्ञान परंपरा और आधुनिक बौद्धिक अन्वेषणों का समन्वय किया गया है जिससे भविष्य के वैचारिक नेतृत्व करने वाली पीढ़ी का सृजन हो सके।सदियों तक नालंदा शिक्षा का प्रतिष्ठित केंद्र था जिसने पूरे एशिया के विद्वानों को आकर्षित किया और अंतर-एशिया ज्ञान और वार्ता का केंद्रबिंदु बन गया।
आज का नालंदा विश्वविद्यालय भी वैश्वीकृत दुनिया के लिए आशा, ज्ञान और सुरक्षा के एक प्रकाश स्तंभ के रूप में उभर रहा है। मंत्री ने अपने प्रतिनिधिमंडल के साथ विश्वविद्यालय के विभिन्न भवनों और नवनिर्मित सुविधा केन्द्रों का दौरा किया, इस दौरान विश्वविद्यालय में हाल ही में बनाए गए स्कूलों और केंद्रों के बारे में बताने के लिए स्वयं कुलपति प्रो. सुनैना सिंह और फैकल्टी मेंबर्स के साथ-साथ अन्य अधिकारी भी मौजूद रहे।मंत्री के सम्मान में विश्वविद्यालय के मिनी ऑडिटोरियम में छात्रों द्वारा एक सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया । इस कार्यक्रम के माध्यम से छात्रों ने विश्वविद्यालय के बहुसांस्कृति विविधता का प्रदर्शन किया। ध्यातव्य है कि विश्वविद्यालय में 30 से अधिक देशों के छात्र अध्ययनरत हैं।
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