लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के द्वारा राजगीर में बहुजन-भीम संकल्प समागम का आयोजन किया गया- चिराग पासवान ने कहा -मै बिहार विधानसभा चुनाव लड़ूंगा
लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के द्वारा राजगीर में बहुजन-भीम संकल्प समागम का आयोजन किया गया।इस कार्यक्रम में 8 जिला के 30 विधानसभा से काफी संख्या में लोग शामिल हुए। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री चिराग पासवान अपने संबोधन के दौरान विपक्षी दलों पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने कांग्रेस, राजद और वाम दलों पर संविधान के नाम पर जनता को भ्रमित करने का आरोप लगाया।चिराग पासवान ने कहा कि 2024 के लोकसभा चुनाव में भी विपक्ष ने लोगों को यह कहकर डराने की कोशिश की थी कि अगर एनडीए सत्ता में आया तो संविधान बदल जाएगा और आरक्षण समाप्त हो जाएगा।
उन्होंने तंज कसते हुए कहा राहुल गांधी आज संविधान की लाल किताब लहरा रहे हैं, लेकिन क्या उन्होंने कभी अपनी दादी द्वारा थोपे गए आपातकाल के लिए देश से माफी मांगी। वहीं चिराग पासवान ने जेपी आंदोलन और उस दौर की राजनीति को याद करते हुए विपक्ष पर दोहरा रवैया अपनाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, "जो लोग जेपी आंदोलन में कांग्रेस के खिलाफ लड़े, वही आज उसी कांग्रेस के साथ खड़े हैं। यह उस आंदोलन और आदर्शों का अपमान है।तेजस्वी यादव और आरजेडी पर निशाना साधते हुए चिराग ने कहा कि जब वे सत्ता में थे, तब नौकरी के बदले लोगों से जमीन लिखवा ली गई। अब फिर से वादों के लालच दिए जा रहे हैं।
उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि, "पता नहीं इस बार क्या लिखवाने की तैयारी है।चिराग पासवान ने 2020 में बिहार फर्स्ट बिहारी फर्स्ट का नारा दिया तो कुछ लोगों के पेट में दर्द हो गया।आज फिर चिराग पासवान बिहार लौटना चाहता तो फिर से उनकी पीड़ा बढ़ गई है।और हमारा खून का एक एक कतरा बिहार के लिए है।चिराग पासवान ने कहा कि इस रैली का उद्देश्य सिर्फ शक्ति प्रदर्शन नहीं, बल्कि समाज के कमजोर तबकों को भ्रमित करने की विपक्ष की साजिशों के खिलाफ एकजुट करना है।
उन्होंने कहा, 'विपक्ष ने अनुसूचित जाति और जनजाति के लोगों को डराने की कोशिश की कि आरक्षण खत्म हो जाएगा, संविधान बदल जाएगा. लेकिन हम सबने देखा कि यह सब केवल भ्रम फैलाने की राजनीति थी।चिराग पासवान ने दो टूक कहा कि जब तक वे केंद्र सरकार में हैं, तब तक आरक्षण और संविधान को कोई खतरा नहीं है।उन्होंने भरोसा दिलाया कि उनकी पार्टी और वे खुद समाज के पिछड़े, वंचित और अल्पसंख्यक वर्गों के लिए पहरेदार की भूमिका निभा रहे हैं. चिराग ने कहा 'हम न सिर्फ उनकी आवाज बनेंगे बल्कि उनके अधिकारों की रक्षा भी पूरी ताकत से करेंगे। उन्होंने कहा कि चिराग पासवान ने तेजस्वी यादव से पूछा सबाल, किया लालू जी अम्बेडकर की प्रतिमा के साथ की गयी अपमान का माफी मांगेंगे।तेजस्वी 20 महिना का समय मांग रहे हैं तो किया आपको बिहार की जनता 20 महिना का समय देंगे तो उस जनता को नौकरी के नाम पर अपने नाम से लिखवाई जमीन को वापस करेगे।चिराग पासवान को मिटाने के लिए साजिश रची जा रहीं हैं।हम अपने पिता के सपने को पुरा करने के लिए निकला हु,
ताकि उनके संकल्प को पूरा किया जा सके चिराग ने कहा कि सभी 243 सीटों पर गठबंधन के साथ मिलकर चुनाव लड़ने का काम करेगे।उन्होंने अपने संबोधन में विपक्षी दलों, विशेषकर राजद और कांग्रेस पर कड़े प्रहार किए। उन्होंने कहा की लोकसभा चुनाव में यह भ्रम फैलाया गया कि तीसरी बार मोदी सरकार आने पर लोकतंत्र की हत्या हो जाएगी। सच्चाई यह है कि लोकतंत्र की हत्या 1975 में कांग्रेस और इंदिरा गांधी द्वारा आपातकाल लगाकर की गई थी। उन्होंने कहा कि भविष्य की राजनीतिक योजनाओं के बारे में स्पष्ट करते हुए चिराग पासवान ने घोषणा की, मैं बिहार से चुनाव नहीं लड़ूंगा, मैं बिहार के लिए चुनाव लड़ूंगा।चिराग पासवान सभी 243 सीटों पर बिहार फर्स्ट, बिहारी फर्स्ट' की सोच को मजबूत करने के लिए चुनाव लड़ेगा। उन्होंने कहा कि रैली के दौरान अपने दृढ़ संकल्प को दोहराया।जब तक बिहार को विकसित राज्य नहीं बना दूंगा तब तक चैन की सांस नहीं लूंगा। मैं चाहता हूं कि बिहार के लोगों को अपने ही पंचायत में रोजगार के अवसर मिलें। चिराग पासवान ने कहा कि यह साल बिहार के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। इस साल बिहार में विधानसभा चुनाव होना है। और यह विधानसभा चुनाव हम लोगों के लिए 5 साल का भविष्य है। चुनाव में लोग झूठी बातों को बोलकर आप लोगों को भ्रमित करेंगे।
हम लोगों को उनकी बातों पर ध्यान नहीं देना है। उन्होंने कहा कि मेरी खून का एक-एक कतरा सिर्फ और सिर्फ मेरे बिहार के लोगों के लिए है। मेरे पिता रामविलास पासवान जी के आदर्श बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर थे। आज पूछिए राजद से यही कांग्रेस की सरकार थी जो लंबे समय तक सरकार में रही। 1979 के पहले एक तस्वीर भी भारत के संसद में बाबा साहेब की नहीं थी। एक ही परिवार की तीन-तीन तस्वीर भारत के संसद में हुआ करती थी। पहली बार भारत के संसद में किसी ने बाबा साहेब की तस्वीर लगाने का काम किया तो वह हमारे आदरणीय नेता रामविलास पासवान थे।
इस अवसर पर सांसद अरुण भारती, सांसद वीणा देवी , सांसद शांभवी चौधरी, सांसद राजेश वर्मा, प्रदेश अध्यक्ष राजू तिवारी, प्रदेश महासचिव एवं प्रभारी प्रमोद सिंह, प्रदेश प्रवक्ता डाक्टर विभय कुमार झा, छात्र संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष यामिनी मिश्रा, राष्ट्रीय प्रवक्ता धीरेंद्र सिंह, महासचिव मंजू देवी, जिला अध्यक्ष सत्येंद्र मुकुट सहित अन्य लोग उपस्थित थे।
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Reviewed by News Bihar Tak
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June 29, 2025
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