जैन धर्म का सबसे प्रमुख दशलक्षण पर्व (पर्युषण) भादो सुदी चतुर्थी 10 सितंबर से शुरू हो रहा है।जिसकी तैयारी राजगीर के सभी जैन तीर्थों पर आयोजित की जा रही है
जैन धर्म का सबसे प्रमुख दशलक्षण पर्व (पर्युषण) भादो सुदी चतुर्थी 10 सितंबर से शुरू हो रहा है।जिसकी तैयारी राजगीर के सभी जैन तीर्थों पर आयोजित की जा रही है
जैन धर्म का सबसे प्रमुख दशलक्षण पर्व (पर्युषण) भादो सुदी चतुर्थी 10 सितंबर से शुरू हो रहा है।जिसकी तैयारी राजगीर के सभी जैन तीर्थों पर आयोजित की जा रही है।धर्मशाला मंदिर, वीरशासन धाम तीर्थ, जन्मभूमि मन्दिर एवं पंच पर्वतों के सभी जिनालयों और चैत्यालयों में विविध अनुष्ठानों के साथ 19 सितंबर तक धर्म आराधना और आत्मसाधना सभी श्रद्धालु करेंगे। महाप्रबंधक विजय कुमार जैन ने बताया कि पर्वराज का शुभारंभ भादो सुदी चतुर्थी को उत्तम क्षमा धर्म से होगा।प्रतिदिन सुबह सामूहिक रूप से देव शास्त्र गुरु पूजा, दशलक्षण व्रत पूजा, पंचमेरु पूजा,भव्य शांतिधारा कर भगवंतों के साथ दशलक्षण पूजा आयोजित की जाएगी।
दस दिनों तक क्रमश उत्तम मार्दव,आर्जव,सत्य, शौच, संयम, तप, त्याग, आकिंचन्य एवं उत्तम ब्रम्हचर्य धर्म की मंगल आराधना की जाएगी। समस्त दिगम्बर जिनालयों एवं चैत्यालयों में पूजन के बाद संध्या भव्य मंगल आरती एवं शास्त्र वाचन का आयोजन प्रतिदिन की जायेगा।शास्त्री मां जिनवाणी और दशलक्षणों पर प्रवचन देंगे। उन्होंने कहा कि इस आयोजन को लेकर दिगंबर जैन मंदिरों में भव्य सजावट कर सभी वेदियों को सुसज्जित कर सभी प्रतिमाओ की सफाई कर वेदी में विराजमान कर दी गयी है। दो साल के लम्बे अंतराल के बाद इस बार अन्य प्रांतों से भी तीर्थ यात्रियों के आने की संभवनाएं है जो 10 दिनों तक भक्ति आराधना कर पूण्य लाभ लेंगे।
जैन धर्म का सबसे प्रमुख दशलक्षण पर्व (पर्युषण) भादो सुदी चतुर्थी 10 सितंबर से शुरू हो रहा है।जिसकी तैयारी राजगीर के सभी जैन तीर्थों पर आयोजित की जा रही है
Reviewed by News Bihar Tak
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September 08, 2021
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