जैन धर्मावलंबियों के लिए अति महत्वपूर्ण 10 दिवसीय दशलक्षण महापर्व हुआ शुरू
जैन धर्मावलंबियों के लिए अति महत्वपूर्ण 10 दिवसीय दशलक्षण महापर्व शुरू हो गया।भगवान मुनिसुव्रतनाथ की गर्भ, जन्म, तप एवं ज्ञान स्थली दिगम्बर जैन कोठी राजगीर में इस महापर्व को लेकर धर्मशाला मंदिर, जन्मभूमि मंदिर, पंचपहाड़ी की चोटियों पर स्थित जैन मंदिरों में पारंपरिक तरीके से पूजन एवं शांतिधारा आदि का कार्यक्रम आयोजित किया गया। दो साल के लंबे अंतराल के बाद जैन धर्मावलंबियों का आवागमन तीर्थ पर देखना को मिल रहा है। दिगंबर जैन कोठी के प्रबंधक मुकेश कुमार जैन ने बताया कि 10 सितम्बर से लेकर 19 सितंबर तक चलने वाले महापर्व को इस वर्ष पूरे उत्साह के साथ जैन मंदिरों में मनाया जा रहा है। आत्मशुद्धि का है यह पर्व जैन धर्मावलंबी के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण मन गया है।इस अवसर पर रवि कुमार जैन ने बताया कि - यह पर्व आत्मा को शुद्ध करके आवश्यक विधाओं पर ध्यान केंद्रित करना , पर्यावरण का शोधन करना तथा आचार्यों, मुनियों तथा विद्वानों की वाणी का अनुसरण करना सिखाता है। जैन धर्म में इस पर्व को आत्म प्रक्षालन, पाप विमोचन के साथ पर्वाधिराज भी कहा गया है। 10 दिनों तक चलने वाले दशलक्षण महापर्व को अपने जीवन में अवतरित कर मनुष्य मुक्ति पथ का मार्ग प्रशस्त करता है। इसलिए इस पर्व को दशलाक्षणी पर्व भी कहा जाता है। जिसमें अगले दस दिनों तक आत्म शुद्धि, तपस्या, संयम एवं साधना का पालन करते है। प्रत्येक दिन एक-एक वत पालन करते हुए उत्तम क्षमा, उत्तम मार्दव, उत्तम आर्जव, उत्तम शौच, उत्तम सत्य, उत्तम संयम, उत्तम तप, उत्तम त्याग, उत्तम अकिंचन, उत्तम ब्रह्मचर्य व्रत किया जाता है। आज के कार्यक्रम में संजीत जैन, मुकेश जैन, रवि कुमार जैन, मनोज जैन, उपेन्द्र जैन, ज्ञानचंद जैन, संपत जैन, प्रेमलता जैन, खुशबू जैन, बविता जैन, संतोष जैन, गुड़िया जैन, गीता जैन, संकेत, गौतम, छोटू, बिट्टू सहित अन्य लोग उपस्थित थे।
जैन धर्मावलंबियों के लिए अति महत्वपूर्ण 10 दिवसीय दशलक्षण महापर्व हुआ शुरू
Reviewed by News Bihar Tak
on
September 11, 2021
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