नालंदा विश्वविद्यालय के द्वारा हटाए गए कर्मियों का सोमवार से राजगीर में अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन शुरू
नालंदा विश्वविद्यालय के द्वारा हटाए गए कर्मियों का सोमवार से राजगीर में अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन हुआ शुरू
राजगीर स्थित नालंदा विश्वविद्यालय के द्वारा हटाए गए कर्मियों का सोमवार से अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन शुरू हो गया है।सभी कर्मियों ने कुलपति के खिलाफ जमकर नारेबाजी किया और धरना प्रदर्शन में शामिल हटाए गए कर्मी डॉ रवि कुमार सिंह,अनील चन्द्र क्षा,राहुल कश्पय,परवेज आलम,सहीत अन्य कर्मियों ने बताया कि नांलदा विश्वविद्यालय प्रबंधन के तानाशाही और भ्रष्टाचार और भेदभाव को रवैया को बनाते हुए सैंकडो की संख्या कर्मियों को काम से हटा दिया गया है।
जिसके कारण सभी कर्मी भुखमरी के कगार पर हैं।जिसके विरोध में आज से हम लोगों का अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन शुरू हो गया है। उन्होंने कहा कि जब तक हम लोगों को काम पर वापस नहीं रखा जाता है जब तक यह अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन जारी रहेगा। विश्वविद्यालय में कुलपति के द्वारा बिल्कुल तानाशाही का काम चल रहा है दूसरे राज्यों के लोगों को उनके द्वारा लाया जा रहा है और बिहार के लोगों को जबरन निकाला जा रहा है।उन्होंने कहा कि मैं बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मांग करता हूं कि इस मामले को जांच कर उनके द्वारा करवाई किया जाए।और हम कर्मियों को मदद किया जाए।उन्होने कहा कि माननीय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का ही पहल है कि नालंदा विश्वविद्यालय का स्थापना हुआ है।उन्होंने कहा कि जब से यह कुलपति आए हैं बिल्कुल तानाशाही का रवैया अपना रखे हैं।हटाए गए लोगों में सबसे ज्यादा बिहार के लोग है।बिहार अस्मिता का प्रतीक बन गए स्थान से बेहद अपमानित महसूस करते हुए इन बिहारी युवाओं का जाना न केवल अत्यंत दुखद था।बल्कि मर्मर्स्पशी भी है।उन्होंने कहा कि भेदभाव ,विसंगति पक्षपात आदि नीतियों से नालंदा विश्वविद्यालय को न केवल कलंकित किया जा रहा है। बल्कि कार्यरत लोगो को भयाक्रांत भी किया जा रहा है।वहीं इन कर्मियों का अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन को समर्थन करते हुए बिहार प्रदेश असंगठित कामगार कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अमित कुमार पासवान ने कहा कि वर्तमान कुलपति सुनैना सिंह के द्वारा तानाशाही रवैया अपनाकर विश्वविद्यालय की नियमावली को ताक पर रखकर नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए 8 से 10 वर्षों से खून पसीना बहा कर मेहनत करने वाले शैक्षणिक एवं शिक्षकेतर कर्मचारियों को बेवजह तंग तभा एवं सेवा से मुक्त कर अपने चहेते कर्मचारियों को वहाल कर एवं पुर्व से कार्यरत कर्मचारियों का शोषण अत्याचार कर रहे है। बिहार के लोगों को यहां से हटाया जा रहा है।और दूसरे राज्यों के लोगों को यहां काम पर रखा जा रहा है।भेदभाव बर्दाश्त नहीं किया।उन्होने कहा कि इन कर्मियों के आंदोलन को हमारा पार्टी ने समर्थन किया है और चरणबद्ध आंदोलन किया जाएगा। कुलपति की तानाशाही और भ्रष्टाचार रवैया बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। कुलपति विश्वविद्यालय में इन कर्मियों के साथ अंग्रेजों की तरह व्यवहार कर रहे है।इस अवसर पर समाजसेवी उमराव प्रसाद निर्मल,अशोक यादव, मुन्ना कुमार, रामबालक यादव, परमेश्वर राजवंशी, रमेश कुमार ने भी अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन का समर्थन किया है।
नालंदा विश्वविद्यालय के द्वारा हटाए गए कर्मियों का सोमवार से राजगीर में अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन शुरू
Reviewed by News Bihar Tak
on
September 20, 2021
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