राजगीर में जैन धर्म के महापर्व पर्युषण के पांचवे दिन उत्तम सत्य धर्म की आराधना कर आठवें तीर्थंकर भगवान पुष्पदंत स्वामी के मोक्ष कल्याणक दिवस पर निर्वाण लाड़ू चढ़ाया
राजगीर में जैन धर्म के महापर्व पर्युषण के पांचवे दिन उत्तम सत्य धर्म की आराधना कर आठवें तीर्थंकर भगवान पुष्पदंत स्वामी के मोक्ष कल्याणक दिवस पर निर्वाण लाड़ू चढ़ाया
राजगीर में जैन धर्म के महापर्व पर्युषण के पांचवे दिन उत्तम सत्य धर्म की आराधना कर आठवें तीर्थंकर भगवान पुष्पदंत स्वामी के मोक्ष कल्याणक दिवस पर निर्वाण लाड़ू चढ़ाया। दस दिनों तक चलने वाले दशलक्षण महापर्व के पावन अवसर पर भक्तोजनों द्वारा दिगम्बर जैन कोठी मंदिर, जन्मभूमि मन्दिर, वीरशासन धाम तीर्थ, पंच पहाड़ी मंदिर में धूमधाम के साथ भक्तिमय वातावरण में पूजा अर्चना की जा रही है।सभी भक्त पारंपरिक वस्त्र में जिनमंदिर पहुँच कर तीर्थकरों की आराधना तथा पूजन, अभिषेक, शांतिधारा करके अपने कर्मो की निर्जरा कर रहे है।सभी लोगों ने पांचवे दिन उत्तम सत्य व्रत का पालन कर देवाधिदेव आठवें तीर्थकर के मोक्ष कल्याणक दिवस पर निर्वाण लाड़ू (मोक्षफल) चढ़ाया। संध्या महाआरती तथा णमोकार महामंत्र के जाप के पश्चात पांचवे दिन का समापन किया गया। पर्युषण पर्व में आज के दिन को विशेष महत्व दिया गया है जिसकी विशेषता बताते हुए मुकेश जैन ने कहा कि - जिसका मन जितना सच्चा होगा उसका जीवन भी उतना ही सच्चा होगा और वही सच के पास जाते है जो कषायों से मुक्त होकर आत्मस्थ हो जाते है। सत्य को पाना, सच्चा होना और सच बोलना यह तीनों ही चीजे हमें अपने जीवन से सीख लेनी चाहिए।सत्य धर्म की चर्चा करते हुए रवि कुमार जैन ने कहा कि - सत्य का मूल सरलता है और असत्य का मूल क्रोध लोभ आदि विकार है। सत्य ही विश्वास का आधार है। असत्य भाषण करने का दूसरा कारण भय है। मनुष्य को सत्य बोलने से जब अपने ऊपर कोई आपत्ति आती हुई दिखाई देती है। अथवा अपनी कोई हानि होती दिखती है। उस समय वह डरकर झूठ बोल देता है, झूठ बोलकर वह उस विपत्ति या हानि से बचने का प्रयत्न करता है। लोभ में आकर मनुष्य अपना स्वार्थ सिद्ध करने के लिये असत्य बोला करता है। "सत्यम वद प्रियंवद" सच बोले, प्रिय बोले अप्रिय और असत्य तो बोलो ही मत, यदि झूठ भी प्रिय हो तो मत बोलो और सच भी अप्रिय हो तो मत बोलो। इस प्रकार हम संभलके सोच- समझके अपने वचनों का प्रयोग करें तो अपने जीवन को ऊँचा उठा सकते हैं।इस कार्यक्रम में संजीत जैन, मुकेश जैन, आशीष जैन, रवि कुमार जैन, मनोज जैन, बैजनाथ जैन, चंदन जैन, मनीष जैन, उपेन्द्र जैन, पवन जैन, ज्ञानचंद जैन, अनूप जैन, अशोक जैन, बबलू जैन, संपत जैन, खुशबू जैन, प्रेमलता जैन, संतोष जैन, बविता जैन, शिल्पी जैन, गुड़िया जैन, नैना जैन, गीता जैन, आयुषी, रिया, तानिया, अमन, नेहा, गौतम, अक्षत जैन,सहीत अन्य लोग उपस्थीत थे।
राजगीर में जैन धर्म के महापर्व पर्युषण के पांचवे दिन उत्तम सत्य धर्म की आराधना कर आठवें तीर्थंकर भगवान पुष्पदंत स्वामी के मोक्ष कल्याणक दिवस पर निर्वाण लाड़ू चढ़ाया
Reviewed by News Bihar Tak
on
September 14, 2021
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