जैन धर्मावलंबियों के 10 दिवसीय पर्युषण महापर्व का तीसरे दिन आर्जव धर्म की आराधना की गई
जैन धर्मावलंबियों के 10 दिवसीय पर्युषण महापर्व का तीसरे दिन आर्जव धर्म की आराधना की गई। धर्मो की नगरी कहे जाने वाले राजगृही में इस बार जैन अनुयायी में इस पर्व को लेकर काफी उत्साह देखा जा रहा है। बच्चे, महिलाएं सभी इस धार्मिक आयोजन में भाग लेकर काफी उत्साहित दिख रहे है।धर्मशाला मंदिर, जन्मभूमि मंदिर, वीरशासन धाम तीर्थ, पंच पहाड़ी के सभी मंदिरों में प्रातः पूजन, अभिषेक, शांतिधारा के कार्यक्रम आयोजित किये जा रहे है।पर्युषण के तीसरे दिन सभी भक्तजनों ने प्रातः मंदिर जी में श्री जी को स्वर्ण एवं रजत कलशों से अभिषेक कराया तत्पश्चात देवशास्त्र गुरु की पूजा, समुच्च चौबीसी पूजा, नंदीश्वरद्वीप पूजा, उत्तम आर्जव धर्म की आराधना की। संध्या समय महाआरती के पश्चात णमोकार महामंत्र का आयोजन के बाद प्रवचन भक्ति कर धर्म का सार सभी लोगों को समझाया गया।उत्तम आर्जव धर्म पर बताते हुए रवि कुमार जैन ने कहा कि - जैसा अपने मन में विचार किया जाये, वैसा ही दूसरों से कहा जाये और वैसा ही कार्य किया जाये। इस प्रकार से मन, वचन एवं किए गए कार्य की सरल प्रवृत्ति का नाम ही आर्जव है। इस संसार में उत्तम आर्जव की ही रीति अच्छी मानी है तथा थोड़ी सी भी बेईमानी बहुत दुःख को देने वाली होती है। इससे बचने के लिए जो मन में हो, उसे ही वचनों से कहना चाहिए तथा जो वचनों से कहें, वह क्रिया अर्थात आचरण में भी होना चाहिए। यही हमें उत्तम आर्जव धर्म सिखलाया है।प्रबंधक मुकेश जैन ने कहा कि - अच्छी बातों को ही मन में सोचना चाहिए, वचनों से बोलना चाहिए तथा आचरण में लाना चाहिए। बुरे, असभ्य, दूसरों को हानि, दुख पहुंचाने वाले न तो विचार करना चाहिए, यदि विचार आ जाएं तो वचन में नहीं कहना चाहिए तथा वचनों में कदाचित आ भी जाए, तो आचरण में तो बिल्कुल भी नहीं लाना चाहिए।छल-कपट, मायाचारी आदि के आभाव में मनुष्य के अंदर आर्जव गुण प्रगट होता है। अर्थात आर्जव का अर्थ है मायाचारी रहित होना। आज हम सभी पर्युषण के तीसरे दिन अपने जीवन से मायाचारी को समाप्त करने की शिक्षा लेते है। क्रोध, मान, तथा मायाचारी आदि के आभाव में ही मनुष्य अनंत शक्ति संपन्न अपनी आत्मा के यथार्थ स्वरूप से परिचित हो सकता है।इस कार्यक्रम में संजीत जैन, मुकेश जैन, आशीष जैन, रवि कुमार जैन, मनोज जैन, चंदन जैन, मनीष जैन, उपेन्द्र जैन, पवन जैन, ज्ञानचंद जैन, अनूप जैन, अशोक जैन, संपत जैन, खुशबू जैन, प्रेमलता जैन, संतोष जैन, शिल्पी जैन, गुड़िया जैन, कोमल जैन, नैना जैन, गीता जैन, आयुषी, रिया, शीतल, स्वाति, संकेत, अमन, गौतम, चीकू सहीत अन्य लोग उपस्थित थे।
जैन धर्मावलंबियों के 10 दिवसीय पर्युषण महापर्व का तीसरे दिन आर्जव धर्म की आराधना की गई
Reviewed by News Bihar Tak
on
September 12, 2021
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